नई दिल्ली, समाजवादी पार्टी ने आज केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के तौर पर ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं होने के मुद्दे को लोकसभा में उठाया, जिस पर सरकार ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में रिक्त पदों को भरने में किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने के समस्त प्रयास किये जा रहे हैं।
सपा सांसद धर्मेंद यादव ने प्रश्नकाल के दौरान इस विषय को उठाते हुए दावा किया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा है और यह संविधान के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। हालांकि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि मई 2014 में राजग सरकार के आने के बाद से स्वयं उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नौ बार पत्र लिखे हैं, वहीं कुलपतियों और विजिटरों के साथ पांच बार बैठकें की हैं जिनमें खाली पदों को भरने में किसी के भी खिलाफ भेदभाव नहीं किये जाने की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की नियुक्ति का अधिकार स्वयं विश्वविद्यालयों को होता है लेकिन सरकार ने उनसे कहा है कि वंचित वर्ग के छात्रों और शिक्षकों को सभी अवसर मिलने चाहिए।