नई दिल्ली, केरल के दिवंगत सांसद ई अहमद की मौत मामले पर केंद्र और अस्पताल को विपक्ष ने कठघरे में खड़ा कर दिया है। इसकी शुरुआत कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसद की मौत के तुरंत बाद कर दी थी। अब केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने भी मामले को उठाया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर ई अहमद की मौत की जांच कराने की मांग की है। पत्र में कहा गया कि स्थिति को अमानवीय तरीके से संभाला गया साथ ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल की ओर से ई अहमद को मुहैया कराये गये इलाज संबंधित प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया है। पत्र में केंद्र सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गयी है। साथ ही सरकार से गुहार लगायी कि ऐसे कदम उठाये जायें जिससे भविष्य में किसी दूसरे नेता के साथ ऐसी घटना दोबारा न हो। केरल के सीएम ने पत्र के माध्यम से ई अहमद के निधन पर उनके दिल्ली स्थित आवास पर जाकर उनके प्रति सम्मान अदा करने को लेकर प्रधानमंत्री की तारीफ भी की। बता दें कि शुक्रवार को कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल की ओर से लोक सभा में दिये गये स्थगन प्रस्ताव के नोटिस में अस्पताल और केंद्र पर ई अहमद और उनके परिजनों के प्रति अनैतिक दृष्टिकोण अपनाने का आरोप लगाया गया था। स्थगन प्रस्ताव में वेणुगोपाल ने कहा कि अस्पताल ने ई अहमद के निधन के अंतिम समय में परिवार के लोगों को मिलने नहीं दिया गया। कुछ ऐसा ही आरोप ई अहमद के बेटे नजीर अहमद की ओर से भी लगाया गया। नजीर अहमद ने भी कहा कि उन्हें और उनकी परिवार के सदस्यों को पिता से मिलने से रोका गया। यहां तक कि उन्हें इलाज के बारे में पूरी अस्पताल के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गयी। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता ई अहमद की बीते बुधवार राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान तबियत बिगड़ गयी। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जहां वेंटिलेटर पर रखा गया। बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।