तिरुवनंतपुरम, केरल में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ गया है क्योंकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने कन्नूर में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला दर्ज किया है। यह बातें त्रिशूर स्थित केरल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. नरेश पुरोहित ने मंगलवार को कही।
उल्लेखनीय है कि देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला 14 जुलाई को केरल कोल्लम में दर्ज किया गया था। यह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आया एक व्यक्ति मंकीपॉक्स से ग्रसित पाया गया था।
इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए विख्यात महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ पुरोहित ने यूनीवार्ता को बताया कि मंकीपॉक्स काफी हद तक एक आत्म-सीमित बीमारी है, जिसका अर्थ है कि यह अपने आप ठीक हो जाएगा और रोगी के स्वास्थ्य पर कोई दीर्घकालिक हानिकारक प्रभाव नहीं छोड़ेगा।
स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अधिकांश बच्चे और वयस्क भले ही वे संक्रमित हों, गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं होंगे।
डॉ पुरोहित राष्ट्रीय संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार भी हैं। उन्होंने कहा कि मई की शुरुआत से मंकीपॉक्स दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। यह विशेषकर समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुषों में फैल रहा है।
विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वर्तमान में एक बहु-देशीय प्रकोप चल रहा है, जिसमें वे जगह भी शामिल हैं, जहां आमतौर पर यह बीमारी पहले नहीं पाई गई है, जैसे यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिमी प्रशांत और पूर्वी भूमध्यसागरीय देश।