नई दिल्ली, हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित स्टूडेंट रोहित वेमुला के सुसाइड के मुद्दे पर राज्यसभा में भाजपा सरकार की कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में झूठ बोला है।रोहित वेमुला के दोस्त विजय ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि स्मृति ईरानी ने संसद में झूठ बोला। यूनिवर्सिटी ने जो 11 मेंबर कमेटी मे अप्वाइंट किए थे, उनमें से कोई भी एससी-एसटी कम्युनिटी से नहीं था। स्मृति ईरानी झूठ फैला रही हैं। संसद परिसर में मीडिया से बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी के स्मृति के जवाब पर एतराज जताया। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि मैं मंत्री के जवाब से 1% भी सहमत नहीं हूं। अब उनको अपना सिर कलम करके मेरे कदमों में डाल देना चाहिए।’’
मायावती ने कहा कि जांच कमेटी में शामिल जज दलित हैं या नहीं, इसका जवाब नहीं मिला। अगर एचआरडी मिनिस्ट्री ने दलित सदस्य को रखा होता तो उसी दिन बताते। सच्चाई यही है कि कोई दलित सदस्य नहीं है। उस दिन इन्होंने इधर-उधर की बात की। आज भी सही जवाब नहीं दिया।’’ जिस अकेले जस्टिस अशोक कुमार की बात कर रहे हैं, वे अपर कास्ट से आते हैं। यह मिनिस्ट्री की दलित विरोधी मानसिकता को बताता है। आरएसएस के कट्टर समर्थक लोग वहां हैं। वो इस केस से जुड़े हैं। बसपा अध्यक्ष ने याद दिलाया कि स्मृति ईरानी ने कहा था कि जवाब से संतुष्ट न हों तो सिर काटकर रख दूंगी। जिसे याद दिलाते हुए मेरा कहना है कि क्या अब वे अपने वादे को पूरा करेंगी?
एचआरडी मिनिस्ट्री ने इस मामले में जांच कमेटी का एलान किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस अशोक कुमार रूपनवाल की चेयरमैनशिप में जांच कमेटी बनाई। वे 3 महीने में रिपोर्ट सौपेंगे। जांच कमेटी में कोई दलित सदस्य नहीं है।