
मायावती ने कहा कि जांच कमेटी में शामिल जज दलित हैं या नहीं, इसका जवाब नहीं मिला। अगर एचआरडी मिनिस्ट्री ने दलित सदस्य को रखा होता तो उसी दिन बताते। सच्चाई यही है कि कोई दलित सदस्य नहीं है। उस दिन इन्होंने इधर-उधर की बात की। आज भी सही जवाब नहीं दिया।’’ जिस अकेले जस्टिस अशोक कुमार की बात कर रहे हैं, वे अपर कास्ट से आते हैं। यह मिनिस्ट्री की दलित विरोधी मानसिकता को बताता है। आरएसएस के कट्टर समर्थक लोग वहां हैं। वो इस केस से जुड़े हैं। बसपा अध्यक्ष ने याद दिलाया कि स्मृति ईरानी ने कहा था कि जवाब से संतुष्ट न हों तो सिर काटकर रख दूंगी। जिसे याद दिलाते हुए मेरा कहना है कि क्या अब वे अपने वादे को पूरा करेंगी?
एचआरडी मिनिस्ट्री ने इस मामले में जांच कमेटी का एलान किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज रहे जस्टिस अशोक कुमार रूपनवाल की चेयरमैनशिप में जांच कमेटी बनाई। वे 3 महीने में रिपोर्ट सौपेंगे। जांच कमेटी में कोई दलित सदस्य नहीं है।