लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनुशासन की सीख देने वाले योग के महत्व को पूरी दुनिया ने कोरोना के कठिन समय में अच्छी तरह जाना।
आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मंगलवार को राजभवन प्रांगण में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगाभ्यास किया। इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऋषि मुनियों की जीवन पद्धति का अहम हिस्सा रहे योग को आज दुनिया के 200 देश अपना चुके हैं। कोरोना संक्रमण काल में पूरी दुनिया ने जाना कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में योग की अहम भूमिका है। योग न सिर्फ अनुशासन सिखाता है बल्कि मानवता के लिये बेहद जरूरी है।
उन्होने कहा कि भारत के लोग तो पहले से ही योगाभ्यास कर रहे थे और यही कारण है कि यहां के लोगों ने काेरोना महामारी का डट कर मुकाबला किया वहीं दुनिया ने जाना कि योग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने में कारगर है। हमे अपने ऋषि मुनियो की विरासत पर गर्व होना चाहिये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से ही योग को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता हासिल हुयी है। आज के दिन योग दिवस योगा फार ह्यूनिटी यानी मानवता के लिये योग की थीम पर मनाया जा रहा है।
इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वस्थ जीवन के लिये नियमित रूप से योगाभ्यास करने की अपील की और कहा कि राजभवन प्रांगण को योग के लिये हर रोज सुबह पांच से सात बजे के बीच खोला जायेगा।
उधर, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसार मौर्य और केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने रेजीडेंसी में योगाभ्यास किया जबकि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रयागराज में योग क्रिया में हिस्सा लिया। इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ले अयोध्या में राम मंदिर परिसर में योग किया वहीं केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आगरा के फतेहपुर सीकरी मे, पशुपति कुमार पारस ने मेरठ के हस्तिनापुर में, रामदास अठावले ने कुशीनगर स्थित बौद्ध मंदिर में और अनुप्रिया पटेल ने बनारस स्थित सारनाथ में योगाभ्यास कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उत्तर प्रदेश में एक अनुमान के मुताबिक करीब पांच करोड़ लोगों ने सुबह सवेरे पार्को और अन्य सार्वजनिक स्थलों में आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में शिरकत की और मन,बुद्धि और तन को स्वस्थ रखने की इस विधा को नियमित दिनचर्या का अंग बनाने का संकल्प लिया।