बोधगया , बोधगया बिनाले में आज का दिन प्रदर्श कलाओं के नाम रहा। तीन कलाकारों ने अपनी कलात्मकता से परिसर में मौजूद कलाप्रेमियों को खासा आकर्षित किया क्योंकि उनके विषय सीधे.सीधे आम जनता से जुड़ाे थे।
इस कड़ी में पहला प्रदर्शन देश के जाने माने कलाकार कौशल सोनकरिया का था। उन्होंने कहाए ष्समाज में लोग अक्सर एक साथ कई आवरण ओढे होते हैं चाहे वह सामाजिक संदर्भ में हो या सांस्कृतिक-राजनीतिक संदर्भ में। इन आवरणों में लिपटा इंसानए खासतौर पर निचले तबके के लोग ऊंचे तबके की तमाम वर्जनाओं को ढोने के लिए विवश हैं। कई बार ऊंचे तबके के लोग अपनी ही वर्जनाओं को ढोते हैंए इसी को मैंने अपने एक्ट में तोड़ने की कोशिश की है।ष्
श्री सोनकरिया की प्रदर्शित कला का विषय कौशल वंचितों के समाज से हैं और वंचित समाज का जिस तरह से शोषण किया गया हैए उससे मुक्ति का रास्ता कैसे निकलेगा। इसके लिए उन्होंने खुद को पवित्र धागे मौली या रक्षा.सूत्र से बांधा और फिर सुजाता विहार के बाहर एक हजाम से खुद को बंधन मुक्त करवाया।