नई दिल्ली, हर बात मे साधनों की कमी का रोना रोने वालों के लिये, यूपीएससी परीक्षा 2016 के टापर गोपाल कृषणा रोनाकी एक बेहतर प्रेरणा श्रोत हो सकतें हैं. जिनका हौसला, उनकी गरीबी और पिछड़ापन भी नही तोड़ पाया. गरीबी के हालात भी एेसे कि आज जब कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने टॉप 20 यूपीएससी टॉपर्स का सम्मान करने के लिए दिल्ली बुलाया तो उनके पास दिल्लीलआने के लिए किराए तक के पैसे नहीं थे.
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गोपाल कृष्णा रोनाकी, आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के पारासांबा गांव के एक गरीब किसान परिवार से आते हैं. उनके पिता रोनांकी अप्पा रावगरीब किसान और उनकी मां अनपढ़ हैं. लेकिन गोपाल कृष्णा रोनाकी ने अपने मां बाप का सपना सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता हासिल करके और पूरे देश में तीसरा रैंक लाकर पूरा किया है.
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गोपाल के पिता की माली हालत काफी नाजुक रहती थी. रोनांकी अप्पा अपने बेटे को शुरुआती शिक्षा अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में दिलाना चाहते थे पर आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मजबूरन गोपाल का दाखिला सरकारी स्कूल में करवाना पड़ा. आगे चलकर पैसे की समस्या के कारण उन्हे अपना ग्रेजुएशन, डिस्टेंस एजुकेशन के द्वारा पूरा करना पड़ा.
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पढ़ाई के दौरान एक समय एेसा भी आया कि गोपाल से अपने परिवार की गरीबी देखी न जा रही थी, जिसके बाद उन्होंने श्रीकाकुलम में स्थित एक स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया. लेकिन सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाने की वजह से गोपाल को नौकरी छोडनी पड़ गई.गोपाल ने हैदराबाद आकर तैयारी करने का फैसला किया. उन्होंने सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर जॉइन करना चाहा लेकिन पिछड़े इलाके से आने और पास में ज्यादा पैसे न होने की वजह से किसी भी कोचिंग सेंटर ने उन्हें दाखिला नहीं दिया. लेकिन उनका जुनून कम न हुआ. और आखिर उन्होने अपने माता-पिता के सपनों को पूरा कर दिखाया.
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लेकिन परेशानियों ने अभी भी उनका साथ न छोड़ा था. कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने टॉप 20 यूपीएससी टॉपर्स का सम्मान करने के लिए दिल्ली बुलाया. लेकिन गोपाल कृषणा रोनाकी के पास तो दिल्ली जाने के लिए किराए तक के पैसे नहीं थे. एेसे मे उनके पड़ोसी ने उनकी मदद की . पड़ोसी ने गोपाल कृष्णा को 50 हजार रुपए उधार दिये , जिससे गोपाल प्लेन का टिकट लेकर सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली आए.
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