नयी दिल्ली, पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल की तारीफ के पुल बांधते हुए कहा है कि उनमें रोहित शर्मा, विराट कोहली एवं के. एल. राहुल जैसी काबिलियत है और वह भविष्य में भारतीय टीम का कप्तान बन सकते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने मंगलवार को हरभजन के हवाले से कहा, “वह (शुभमन गिल) एक सुलझे हुए बल्लेबाज हैं। उनकी तकनीक सधी हुई है और शॉट चयन बेहतरीन है। मैं उन्हें बल्लेबाजी के मामले में रोहित शर्मा, विराट कोहली और के.एल. राहुल के साथ रखूंगा। वह बल्लेबाजी करते हुए दर्शकों का मनमोह लेते है।”
हरभजन ने बताया कि जब वह विजय हज़ारे ट्रॉफी 2017 में पंजाब की कप्तानी कर रहे थे तब उन्हें 17 वर्षीय गिल के बारे में पहली बार पता चला।
उन्होंने कहा, “चयनकर्ताओं ने मुझे गिल के बारे में बताया। उन्होंने कहा वह प्रतिभावान खिलाड़ी है। हम उसे इस साल रणजी ट्रॉफी में खिलाएंगे, वह अच्छा प्रदर्शन करेगा। मैंने इसपर जवाब दिया कि अगर वह प्रतिभावान है तो हम उसे भविष्य की जगह अभी क्यों न खिलाएं? चयनकर्ताओं ने मुझसे पूछा कि क्या मैं उन्हें लेकर निश्चित हूं, मैंने कहा मैं 100 प्रतिशत निश्चित हूं।”
गिल ने हरभजन के भरोसे पर खरे उतरते हुए अपने दूसरे मैच में ही असम के खिलाफ 121 रन की शतकीय पारी खेली थी। आगे चलकर उन्हें रणजी ट्रॉफी में भी पंजाब के लिये अपने दूसरे मैच में 129 रन बनाये थे।
हरभजन ने कहा, “जब वह पहली बार पंजाब के लिये खेले तो मुझे समझ आया कि उनके पास तेज़ गेंदबाज़ी खेलने के लिये बहुत समय है। वह छोटी गेंदों को बहुत अच्छा खेलते हैं, जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने योग्य बनाता है। वह छोटी गेंद को स्क्वैर लेग की जगह मिड-ऑन और मिड-विकेट की ओर खेलते हैं, जो दिखाता है कि उनके पास कितना समय है।”
गिल इस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। उन्होंने सोमवार को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में अपना पहला शतक जड़ते हुए 130 रनों की पारी खेली। वह इससे पहले वेस्ट इंडीज़ में 64, 43 और 98 नाबाद की पारियां खेल चुके हैं, जबकि ज़िम्बाब्वे में शतक से पहले दो मैचों में उन्होंने 82 और 33 रन बनाये थे।
गिल ने अपने नौ एकदिवसीय मैचों में 71.29 की औसत और 105.27 के स्ट्राइक रेट से 499 रन बनाये हैं।
हरभजन ने गिल के भविष्य के बारे में कहा, “उनके बारे में अच्छी बात यह है कि गिल में रनों भूख है। आजकल ऐसे बहुत कम बल्लेबाज हैं जो रन न बनने पर बुरा महसूस करते हैं। उन्हें लगता है कि जब वह खराब फॉर्म में हैं तो वह टीम की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे। यह विशेषता सचिन में भी थी। मेरे अनुसार वह भावी भारतीय कप्तान हैं। उनके पास खेलने की क्षमता है, और वह कप्तानी के गुर सीख जाएंगे, तो क्यों नहीं?”