जम्मू/नई दिल्ली, रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर सेना से गुलाम कश्मीर की जमीन का किराया लेने के मामले में डिफेंस इस्टेट विभाग ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार मामले की सीबीआई जांच के चलते बुधवार को उक्त जमीन के कागजात लेकर डिफेंस इस्टेट विभाग का एक अधिकारी दिल्ली रवाना हो गया। सीबीआई की एफआइआर दर्ज होने के बाद राजस्व विभाग भी जांच में जुट गया है। पूरी जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में राज्य की जमीन के नाम पर 16 साल तक किराया किसकी जेब में गया।
सूत्रों के अनुसार राजस्व विभाग इस जमीन के 2002 के सभी रिकॉर्ड निकाल रहा है। नियंत्रण रेखा के पार इस जमीन के किराये के नाम पर बड़े पैमाने पर धोखा हुआ। राज्य सर्तकता संगठन पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा है। इसमें आरोपी पटवारी दर्शन कुमार को समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया गया था। इस धोखाधड़ी को राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों ने डिफेंस इस्टेट विभाग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत से अंजाम दिया था। सीमा पार की करीब 123 कनाल जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर उसे सेना द्वारा किराये पर लेकर इस्तेमाल की जा रही जमीन दिखाया गया था।