यूपी, सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की बुरी हालत है। सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर बैनर और कांटे लगाए नौ दिन गुजर गए लेकिन गेहूं खरीद जीरो है। इसके चलते किसान मंडी में आढ़तियों को कम रेट पर गेहूं बेच रहे हैं। केंद्रों पर अभी भी अव्यवस्था है।
सूत्रों के अनुसार, गेहूं खरीद के लिए अभी तक लक्ष्य नहीं आया है। पीसीएफ केंद्रों पर बारदाना का अभाव है और धन भी नहीं भेजा गया है। मंडी के नीलामी चबूतरों पर रखे जाने वाले गेहूं के बरसात में खराब होने की आशंका अधिक रहती है। खुले में रखे जाने वाले गेहूं में कीट रोग भी अधिक लगता है। फिलहाल गेहूं ढकने के लिए तिरपाल का सहारा लिया जाता है।
समर्थनमूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए जिलों में स्थापित क्रय केंद्रों पर समुचित व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गये हैं। खराब मौसम को देखते हुए खुले में पड़ी फसल को ढकने की व्यवस्था रखने के साथ ही क्रय केंद्रों के तौल कांटों के स्थान संबंधी जानकारी का प्रचार करने के निर्देश भी दिए गए। जिलों मे कहा गया है कि किसान फसल को लेकर भटके नहीं एवं किसी अन्य स्थान पर कम कीमत पर बेचने को मजबूर हों ऐसी व्यवस्था करावें। एफसीआई के कांटों की लोकेशन बताने वाले होर्डिंग, बैनर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।