नई दिल्ली, गोवा विधानसभा में सबसे ज्यादा विधायक जीतने के बावजूद कांग्रेस के सरकार बनाने में असफल रहने के लिए पार्टी महासचिव एवं गोवा के प्रभारी दिग्विजय सिंह की भूमिका पर पार्टी के भीतर भी उंगलियां उठने लगी है। कांग्रेस मुख्यालय में कोई वरिष्ठ नेता इस बारे में खुलकर नहीं बोल रहा है लेकिन निजी तौर पर उनका मानना है कि विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद सरकार बनाने के लिए श्री सिंह की तरफ से कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए जिससे खिन्न होकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सेवियो रोड्रिज तथा विधायक विश्वजीत राने जैसे नेताओं को पार्टी छोडने के लिए विवश होना पड़ा है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता से जब गोवा में पार्टी की इस असफलता पर भाजपा नेता और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की राज्यसभा में की गयी टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सचमुच कांग्रेस ने गोवा में सरकार बनाने का बड़ा अवसर खोया है। गौरतलब है कि श्री पर्रिकर ने राज्यसभा में खुलकर श्री सिंह को धन्यवाद दिया था कहा था कि उन्होंने गोवा भारतीय जनता पार्टी को उपहार में दिया। कांग्रेस नेता ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि राज्य विधानसभा में कांग्रेस के सबसे ज्यादा विधायक थे और स्वाभाविकरूप से उसे बिना समय गंवाये सरकार बनाने का दावा करना चाहिए था। उनका कहना था कि यदि कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर लेती तो बहुत संभव था कि अन्य विधायक आकर्षित होते और कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए समर्थन देते। उन्होंने श्री सिंह का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि कांग्रेस से गलती हुई है और इस भूल पर पर्दा नहीं डाला जा सकता। गौरतलब है कि गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा के हाल में हुए चुनाव में कांग्रेस 17 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी जबकि भाजपा 13 विधायकों के साथ दूसरे स्थान पर रही। भाजपा अन्य दलों के समर्थन से वहां सरकार बनाने में सफल रही है।