नयी दिल्ली, स्वराज इंडिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उसकी पार्टी के नगर निगम उम्मीदवारों को सामान्य चुनाव चिह्न याचिका को खारिज किये जाने के फैसले के खिलाफ आज उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हीमा कोहली ने कल स्वराज इंडिया की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें पार्टी को नगर निगमों के चुनाव के लिये सामान्य चुनाव चिह्न देने का अनुरोध किया गया था। राज्य चुनाव आयोग ने भी इससे पहले स्वराज इंडिया को एक चुनाव चिह्न देने से इंकार करते हुए कहा था कि कानून के मुताबिक उसे यह नहीं दिया जा सकता है। स्वराज इंडिया ने इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जो खारिज कर दी गयी थी। याचिका खारिज करने के खिलाफ स्वराज इंडिया ने आज खंडपीठ के समक्ष अपील की।
आम आदमी पार्टी;आपद्ध से निष्कासित योगेन्द्र यादव गुट ने स्वराज इंडिया नाम से नयी राजनीतिक पार्टी का गठन किया है और वह 23 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में मैदान में है। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने आरोप लगाया कि राज्य चुनाव आयोग के चुनाव चिह्न से संबंधित नियम बदलने के निवेदन को दिल्ली सरकार ने दो साल से इसलिए रोके रखा कि उनकी पार्टी को नुकसान हो। उन्होंने कहा कि आयोग के पूर्व आयुक्त राकेश मेहता ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में निवेदन भी किया था किन्तु आप सरकार ने आयुक्त के पत्र पर कार्रवाई करने बजाय इसको दबाये रखा।
उन्होंने कहा जिस पार्टी को पंजीकृत दलों के लिये एक चुनाव चिह्न का सबसे पहला लाभ मिला, वहीं पार्टी जब सत्तारूढ़ हुयी तो इस कदर बेशर्म और अलोकतांत्रिक हो गयी यह इसका ज्वलंत उदाहरण है।