नयी दिल्ली, कांग्रेस ने देश के समक्ष सामरिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल देते हुए सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सार्वजनिक संस्थानों के बेचकर घाटा पूरा नहीं किया जा सकता और विकास को गति नहीं दी जा सकती।
सदन में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि अभिभाषण में राष्ट्र का समूचा परिदृश्य परिलक्षित होना चाहिए। इसमें देश की चुनौतियों, संकटों और जमीनी हकीकत का ब्यौरा और इनसे निपटने की नीतियों, रणनीतियों और योजनाओं का उल्लेख होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभाषण में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है। इसमें केवल पिछली योजनाओं का ब्यौरा है।
श्री शर्मा ने कहा कि देश गंभीर संकट से गुजर रहा है। हर मोर्चे पर चुनौतियों का स्वरूप बड़ा होता जा रहा है। समाज में अमीरी-गरीबी की खाई बढ़ती जा रही है। देश आर्थिक रूप से पिछड़ रहा है। सीमाओं पर तनाव है और समाज में कट्टरता बढ़ रही है।
कांग्रेस सदस्य ने कहा कि सरकार को इन चुनौतियों और संकटों को स्वीकार करना चाहिए और इनसे निपटने के सामूहिक प्रयास शुरू करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमा पर एक लाख सैनिक जमा है। मीडिया को पता है। सरकार को इस संबंध में संसद में जानकारी देनी चाहिए।