लखनऊ , समाजवादी पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का 118वां जन्मदिवस 23 दिसम्बर को किसान दिवस के रूप में मनाएगी।
इस अवसर पर पार्टी के सभी जिला कार्यालयों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कर चौधरी चरण सिंह के योगदान पर चर्चा के साथ उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया जाएगा।
पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह गांधीवादी विचारक नेता थे। उनकी प्राथमिकता में गांव-गरीब थे। केन्द्र सरकार के वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा गांव-खेती पर खर्च करने के लिए रखा था। प्रदेश में उन्होंने जमींदारी उन्मूलन विधेयक लाकर किसानों को भूमिधर बनाया था।
उन्होने कहा कि आज देश का किसान आंदोलित है। भाजपा सरकार की नीतियां गांव, खेती की उपेक्षा कर कारपोरेट की समर्थक हैं। किसान को अपनी खेती से मालिकाना हक छिन जाने का डर है। अब तक उसे झूठे वादों से भ्रमित किया जाता रहा है। फसल के लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने,2022 तक आय दुगनी करने का वादा करके उसे भुला देना भाजपा का दुहरा चरित्र है। चौधरी साहब किसानों के साथ धोखाधड़ी को अक्षम्य अपराध मानते थे।
श्री चौधरी ने कहा कि अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहां बजट की 75 प्रतिशत राशि गांव-गरीब और खेती के लिए रखी थी वहीं कर्जमाफी, मुफ्त सिंचाई, फसल बीमा तथा पेंशन की सुविधा भी किसानों को दी थी। जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए फोरलेन सड़कों के साथ मंडियों की स्थापना की गई थी। खाद, बीज, कीटनाशक की उपलब्धता आसान की थी। डेयरी और मत्स्य उद्योग को प्रोत्साहित किया।