रायपुर , जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता एवं विधायक अमित जोगी ने नोटबंदी के दौरान राज्य के छह सहकारी बैंकों में लगभग 280 करोड़ रुपयों की राशि जमा होने का दावा करते हुए इसे भाजपा नेताओं का होने का आरोप लगाया है।
जोगी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त हुई जानकारी से यह बात सामने आयी है कि राज्य के छह सहकारी बैंकों बिलासपुरए दुर्गए अंबिकापुरए जगदलपुर रायपुर और राजनांदगाव में लगभग 280 करोड़ रुपयों की राशि नोटबन् को दौरान जमा कराए गए। उन्होने कहा कि राज्य में 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने विवश हैंए 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग निम्न मध्यमवर्गीय हैं लेकिन नोटबन्दी के दौरान भाजपाई नेताओं के बैंकों में 280 करोड़ रुपये का धन एकत्रित हो जाता है।इसमें 247 करोड की राशि केवल पांच दिनों में जमा हुई।
उन्होने आरोप लगाया कि यह धन सफेद नही बल्कि काला है और भाजपाई नेताओं ने सहकारी बैंकों का दुरुपयोग कर अपना काला धन इन बैंकों में फ़र्ज़ी नामों से जमा रखा है। जहां प्रदेश में एक ओर सहकारी बैंक किसानों को ऋण पटाने के लिए तंग कर रहे हैं वहीं इन बैंकों में सरकारी संरक्षण प्राप्त भ्रष्टाचारी अपना पैसा सुरक्षित रख ऐश कर रहे हैं। विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए श्री जोगी ने कहा कि प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को नोटबंदी के बाद गुजरात की बैंकों में जमा हुई राशि की याद तो आती है लेकिन छत्तीसगढ़ के विषय में वे मौन धारण किये हुए हैं।उन्होने सवाल किया कि क्या विपक्षी दल के नेताओं द्वारा भी सहकारी बैंकों में राशि जमा कराई गयी है.
जोगी ने कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसानों के साथ मिलकर 25 जून को आरटीआई में उल्लेखित सहकारी बैंकों का घेराव करेगी और सरकार पर किसानों का ऋण माफ करनेए सूखा राहत और मुआवजा देने का दबाव बनाएगी।