जनता को शीघ्र न्याय मिलने के लिए करने होंगे विशेष प्रयास
September 11, 2017
लखनऊ , न्यायिक प्रशिक्षण सम्मेलन में जनता को त्वरित न्याय कैसे मिले इसके लिए न्यायाधीशों और वकीलो को विशेष प्रयास करने होंगे।उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के सभागार में आयोजित दो दिवसीय न्यायिक प्रशिक्षण सम्मेलन में प्रदेश भर के एचजेएस स्तर के न्यायिक अधिकारियों को अदालत से सम्बंधित अनेक प्रकार की जानकारी दी गई। इस सेमीनार में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों ने भी हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ न्यायमूर्ति जे चलमेस्वर ने किया। न्यायमूर्तियों ने बताया कि मद्यस्थताए मीडिएशन के जरिये भी शीघ्र न्याय दिलाया जा रहा है। श्री चलमेस्वर ने न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि बेलए रिमांडए पैरोलए अपील आदि के मामलों में बहुत सूझबूझ की जरूरत है। सेमीनार में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों ने न्यायिक अधिकारियों के पेच कसे और उनको न्याय देने का पाठ भी पढ़ाया।
सम्मेलन में न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल ने कहा कि निर्णय देते समय न्यायिक अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आम लोगों को ज्यादा से ज्यादा न्याय का लाभ मिले। इस सेमिनार में प्रदेश के एचजेएस स्तर के लगभग डेढ़ हज़ार न्यायिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इसमें शीघ्र और सुलभ न्याय, लम्बित मुकदमों का निस्तारण तथा नई तकनीक से न्याय देने के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
यहां आयोजित उच्च न्यायालय के दो दिवसीय न्यायिक सम्मेलन में न्यायाधीशों ने कहा कि जनता को त्वरित न्याय के लिए अधिवक्ताओं को भी विशेष प्रयास करने होंगे। सम्मेलन के पहले दिन पद्मश्री सुनीता कृष्णन ने भी महिलाओं के व्यावसायिक रूप से शोषण पर विस्तार से जानकारी दी। सम्मेलन में कहा गया कि अगले पांच साल के भीतर सभी आपराधिक मामले निबटाये जायें।
सेमिनार में बताया कि मेडिएशन, लोक अदालत तथा इंटरनेट और कम्प्यूटर आदि नई तकनीकों के माध्यम से लोगों को न्याय दिए जाने पर विचार किया जाना जरूरी हो गया है। यह भी बताया कि अंतरवर्तीय आदेशों, जमानतों, रिमांड, स्थाई निषेधाज्ञाओं जैसे अनेक मामलों में न्यायिक विवेक का उपयोग करने पर भी विचार किया जाए।
कॉन्फ्रेंस में न्यायमूर्ति डी के उपाध्याय और मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोसले ने भी न्यायिक अधिकारियों को सम्बोधित किया तथा न्याय के अनेक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।