नई दिल्ली, प्रधानमंत्री जन धन खातों में जमा रकम को लेकर नया खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद इन खातों में बड़ी मात्रा में रकम डिपॉजिट की गई है। सूत्रों के मुताबिक इन खातों में 8 नवंबर के बाद अबतक 21 हजार करोड़ रुपए जमा हो चुके है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के तहत 500 और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था। उसके बाद से जनधन खातों में बताया जा रहा है कि अबतक 21000 करोड़ रुपए जमा हो चुके है। रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के जनधन खातों में सबसे ज्यादा रकम जमा किए गए है। सरकार का कहना है कि जनधन खातों का दुरूपयोग पाये जाने पर खाताधारक के खिलाफ आयकर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है और खाताधारकों को सचेत रहने को कहा है। सरकार ने नोटबंदी के तहत 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया है। सरकार ने पुराने नोटों को जमा कराने के लिए 30 दिसंबर तक 50 दिन का समय दिया है। इस तरह की खबरें पहले भी आई थी कि लोग अपने कालेधन को सफेद करने के लिए दूसरे लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं। खातों के इस तरह के दुरूपयोग के लिए खाताधारक को कमीशन आदि देने की भी खबरें आ रही हैं। सरकार ने इससे पहले कहा था कि बैंक खातों में 2.50 लाख रुपये तक की जमाओं की कोई आयकर जांच नहीं होगी क्योंकि यह तो करछूट के दायरे में आती है।
वहीं जनधन खातों के मामले में यह सीमा 50,000 रुपये है। गौरतलब है कि आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि कुछ लोग अन्य लोगों के पैसे अपने बैंक खातों में जमा करा कर उनकी मदद भी कर रहे हैं। आरबीआई ने कहा है कि यहां तक कि प्रधानमंत्री जन धन योजना खातों का भी इसके लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने बैंकों से अवैध मुद्रा को बदलने या उसे करने में धोखाधड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। केंद्रीय बैंक ने यह बात ऐसे समय कही है जब लाखों लोग बंद हो चुके 500 और 1,000 रुपये के नोट को बदलने के लिये लाइन में लगे हैं।