अहमदाबाद, पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने दावा किया है कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो और उन्होंने कहा कि सत्यमेव जयते यानी सत्य की ही जीत होती है। उन्हें तीन मामले में जमानत मिल गई है और नौ महीने के बाद वह जेल से रिहा होने वाले हैं। गुजरात सरकार को लिखे पत्र में हार्दिक ने कहा, सत्यमेव जयते। यह मुहावरा भगवान राम और महात्मा गांधी का मार्गदर्शक रहा और आज के युवकों के लिए भी है। मुझे भारत की न्यायपालिका में पूरा विश्वास है। मुझे विश्वास है कि निर्दोष और गरीब को न्याय मिलता है। मैं दोषी नहीं था तब भी मुझे जेल में ठूंस दिया गया।
देशद्रोह के दो मामलों में शुक्रवार को अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद 22 वर्षीय नेता ने पत्र में लिखा है, मैं आपको सच्चाई बताता हूं- केवल बकरा ही बलि पर चढ़ता है न कि शेर। उन्होंने लिखा है, मैंने किसी भी रूप में हिंसा का समर्थन नहीं किया। अब तक मैंने कुछ नहीं किया है जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो, न ही भविष्य में ऐसा करने का मेरा इरादा है। मैं अहिंसा के माध्यम से राज्य की आवाज बनना चाहता हूं और गरीबों, किसानों, युवकों और महिलाओं के उत्थान के लिए काम करना चाहता हूं।पत्र को उनके वकील यशवंत वाला ने आज सार्वजनिक किया। उन्होंने दावा किया कि जेल में नौ महीने के दौरान उन्होंने सीखा कि राजनीति को कैसे साफ करना है। उन्होंने कांग्रेस और भाजपा जैसे दलों में विश्वास नहीं जताया।