श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए बुधवार सुबह सात बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हो गया। मतदान शाम छह बजे तक चलेगा।
प्रदेश में पहले चरण में जम्मू-कश्मीर के सात जिलों के 24 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान कराया जा रहा है। इनमें आठ निर्वाचन क्षेत्र जम्मू संभाग के और 16 दक्षिण कश्मीर क्षेत्र के हैं।
इस चरण में 5.66 लाख युवाओं सहित लगभग 23.27 लाख व्यक्ति अपने मताधिकार का प्रयोग कर 219 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन में बंद करेंगे। दक्षिण कश्मीर क्षेत्र की जिन 16 सीटों पर आज मतदान हो रहा है उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डी.एच. पोरा, कुलगाम, देवसर, डूरू, कोकरनाग (सुरक्षित), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व और पहलगाम निर्वाचन क्षेत्र शामिल है। जम्मू क्षेत्र के इंदरवाल, किश्तवाड़, पद्दर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल निर्वाचन क्षेत्र में वोट कराए जा रहे हैं।
राज्य चुनाव कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पहले चरण के मतदान को शांति और सुचारु रूप से सम्पन्न कराने के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। मतदाताओं, खासकर युवा और पहली बार मतदान करने वालों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सुचारू और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रबन्ध किए गए है।
पहले चरण के प्रमुख उम्मीदवारों में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य गुलाम अहमद मीर, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की इल्तिजा मुफ्ती (पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, पीडीपी युवा नेता वहीद पारा, पूर्व सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) नेता हसनैन मसूदी, वरिष्ठ नेकां नेता सकीना इटू, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सोफी यूसुफ, पूर्व जमात-ए-इस्लामी सदस्य तलत मजीद, निर्दलीय उम्मीदवार जीएम सरूरी, भाजपा की सुश्री परिहार और नेकां के सज्जाद किचलू भी शामिल हैं।
कश्मीर में बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार हैं, कश्मीर क्षेत्र में मुख्य मुकाबला नेकां और पीडीपी के बीच है। वहीं जम्मू में लड़ाई मुख्य रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था और भाजपा एवं पीडीपी के बीच गठबंधन सरकार बनी थी। वर्ष 2018 में भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद यह सरकार गिर गयी थी।
केन्द्र शासित प्रदेश में दूसरे और तीसरे चरण का मतदान क्रमशः 25 सितंबर और 01 अक्टूबर को होगा। मतों की गिनती 08 अक्टूबर को होगी और चुनाव प्रक्रिया 10 अक्टूबर को संपन्न होगी।