मुम्बई, पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना है कि केएल राहुल ज़िम्मेदारी निभाने के लिए सही खिलाड़ी नहीं हैं। मांजरेकर ने क्रिकइंफ़ो के कार्यक्रम टी20 आउट में कहा, “हम अब राहुल का यह रूप कई बार देख चुके हैं। जहां विराट कोहली, रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों ने लंबे समय तक आईपीएल में टीम के प्रमुख बल्लेबाज़ और कप्तान की ज़िम्मेदारी को एक साथ बख़ूबी निभाया है, वहीं राहुल बार-बार नाकाम रहे हैं। शायद वह इस भूमिका के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं।”
बुधवार को लखनऊ सुपर जायंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच हुए आईपीएल 2022 के एलिमिनेटर में केएल राहुल ने 58 गेंदों पर 79 रन बनाए लेकिन वह अपनी टीम को लक्ष्य तक नहीं पहुंचा सके। इसके बाद केएल राहुल के अप्रोच और भूमिका की जमकर आलोचना हो रही है।
मांजरेकर ने कहा, “एक कोच के रूप में मैं राहुल से बस यह कहना चाहूंगा कि वह अपने दिमाग़ से निकाल दें कि वह टीम को मैच जिताने जा रहे हैं। आप बस मैदान में जाइए और अपने खेल का मज़ा लिजिए। आपको पहले दिन से ही उनके खेल में फ़र्क दिखने लगेगा। ऐसा आप उनके आंकड़ों से भी समझ सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में, जहां राहुल नहीं विराट या रोहित टीम के प्रमुख बल्लेबाज़ होते हैं, वहां पर राहुल का स्ट्राइक रेट आईपीएल की तुलना में बहुत अधिक हो जाता है।”
मांजरेकर ने राहुल की इस पारी को ‘तीसरी गियर की पारी’ कहकर संबोधित किया और कहा कि उनकी टीम को तब फ़ायदा होता जब राहुल लंबा खेलने की बजाय तेज़ खेलने की सोचते। उन्होंने कहा, “जब राहुल पंजाब किंग्स के कप्तान थे, तब भी उनके साथ ऐसा हो रहा था। वह बड़ी पारियां खेलते तो थे लेकिन उनकी टीम लक्ष्य का पीछा करने से कुछ रन पीछे रह जाती थी। राहुल की टीम इस साल भले ही बदल गई है, लेकिन उनके साथ अब भी वैसा ही हो रहा है। राहुल को बड़े शॉट खेलने पर ज़ोर देना चाहिए क्योंकि उनके पास ऐसा करने की क्षमता है। इस मैच में भी जब भी उन्होंने बड़ा शॉट खेलना चाहा, वह सफल हुए। उन्होंने जॉश हेज़लवुड पर कुछ अच्छे शॉट लगाए। वह जब चाहें बड़े शॉट लगा सकते हैं बस उन्हें इस अप्रोच के साथ मैदान में आना होगा कि वह लंबी नहीं तेज़ पारी खेलने आए हैं।”
न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान डेनियल वेटोरी भी कहीं न कहीं मांजरेकर की बात से सहमत नज़र आते हैं। वेटोरी का मानना है कि बिना अधिक जोखिम लिए हुए भी केएल राहुल तेज़ी से रन बना सकते हैं और उन्हें अपनी इस क्षमता का पूरा उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “राहुल को इस अंदाज़ में इतनी लंबी बल्लेबाज़ी की ज़रुरत नहीं है। उनके पास क्षमता है कि वह तेज़ खेल सकें। आप उनसे ऐसा कुछ भी करने को नहीं बोल रहे हैं जो कि वह कर नहीं सकते हैं। रजत पाटीदार ने अपनी शतकीय पारी के दौरान जितने जोखिम लिए, राहुल उसका आधा ही रिस्क लेकर उनसे अधिक महत्वपूर्ण पारी खेल सकते थे। इससे दीपक हुड्डा जैसे बल्लेबाज़ पर भी दबाव कम होता, जो कि अधिक रन रेट के कारण हर गेंद को मारने की सोच रहे थे। राहुल को वैसी ही बल्लेबाज़ी करने की ज़रूरत थी जैसा वह भारत के लिए करते हैं।”