चेन्नई/नई दिल्ली, रोजगार और बेहतर आमदनी के लिए सऊदी अरब भारतीय मजदूरों के लिए मुफीद जगह रही है। ताजा जानकारी के मुताबिक करीब 20 हजार भारतीय मजदूर आनन फानन में सऊदी से भारत आने को तैयार हैं। इन मजदूरों में सबसे अधिक संख्या तमिलनाडू के मजदूरों की है। इसके अलावा बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूर भी बड़ी तादाद में घर लौट रहे हैं। दरअसल सऊदी अरब में गलत तरीके से प्राप्त वीजा और वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद वहां टिके मजदूरों पर सरकार ने सख्ती दिखाई है।
ऐसे मजदूरों को नब्बे दिनों के भीतर सऊदी अरब छोड़कर चले जाने को कहा गया है। हालांकि इस दौरान अवैध प्रवास कर रहे लोगों को राजमाफी प्रदान की जा रही है। वीजा नियमों के उल्लंघन को लेकर इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। भारत लौटने वालों में सबसे अधिक 1500 मजदूर तमिलनाडू से हैं। इन मजदूरों ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें बेहद खराब हालात में काम करने पड़े।
कई बार तो नियोक्ता ने उन्हें वाजिब मेहनताना भी नहीं दिया। अब वे खाली हाथ वतन वापसी कर रहे हैं। बावजूद इसके गम उनके चेहरे पर नजर नहीं आया, क्योंकि घर लौटने की खुशी उनपर हावी थी। इस तरह का प्रस्ताव साल 2013 में भी सऊदी सरकार ने दिया था। हालांकि तब ये प्रस्ताव सिर्फ रियाद और जेद्दाह में रहने वाले प्रवासियों के लिए ही था।
सरकारी घोषणा के बाद आनन फानन में भारतीय मजदूरों ने स्वदेश लौटने के लिए अर्जी दी है। ये मजदूर सऊदी सरकार का राजमाफी के लिए शुक्रिया अदा कर रहे हैं। सऊदी अरब सरकार ने भारतीय नागरिकों को फ्री में वनवे एग्जिट वीजा दिया है। लौटने वाले मजदूरों को सिर्फ फ्लाइट की टिकट की कीमत चुकानी है।