नई दिल्ली,17 सितंबर, पूर्ववर्ती हैदराबाद राज्य से निजाम का शासन समाप्त कर भारत संघ में उसके विलय की 70वीं वर्षगांठ है। इस अवसर पर, वर्तमान तेलंगाना, मराठवाड़ा, उत्तर कर्नाटक और विदर्भ के कुछ भाग क्षेत्र के लोगों को शुभकामनाएं दी गई।
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पूर्ववर्ती हैदराबाद राज्य, ब्रिटिश भारत की रियासत था। इसमें वर्तमान तेलंगाना, मराठवाड़ा, उत्तर कर्नाटक और विदर्भ के कुछ भाग सम्मिलित थे। हैदराबाद के निजाम ने अगस्त 1947 में मिली आजादी के बाद भारत संघ से अलग रहने का फैसला किया था जिसका वहां के स्थानीय लोगों ने स्वामी रामानन्द तीर्थ के नेतृत्व में विरोध किया।
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हैदराबाद के प्रमुख कांग्रेस नेता रहे शिक्षाविद तथा सामाजिक कार्यकर्ता रामानन्द तीर्थ ने पूर्ववर्ती राजशाही को समाप्त कर भारत संघ में हैदराबाद के विलय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस विलय में तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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आंतरिक विद्रोह के बाद भारत ने पुलिस कार्रवाई करते हुए हैदराबाद से निजाम के शासन को समाप्त कर 17 सितंबर, 1948 को उसका विलय भारत में कर लिया। हैदराबाद को भारत संघ में मिलाने के लिए की गयी पुलिस कार्रवाई को ऑपरेशन पोलो नाम दिया गया था।