यूपी के इतिहास मे पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव मे इतनी भारी संख्या मे दलितों-पिछड़ों ने बाजी मारी है। जिला पंचायत अध्यक्ष की 75 प्रतिशत सीटों पर दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों ने जीत दर्ज की है। सबसे खास बात यह है कि काफी संख्या मे अनारक्षित सीटों पर भी दलितों-पिछड़ों ने बाजी मारी है। 38अनारक्षित सीटों मे 17 सीटों पर पिछड़े वर्ग के लोगों ने और 02 सीटों पर दलित वर्ग के लोगों ने जीत दर्ज की है। पहली बार मात्र 19 सीटें ही सामान्य वर्ग के खाते मे गयी है।
यूपी के 74 जिलों मे जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव हुये थे। जिनमे से 55 सीटें दलितों और पिछडों ने जीती है। आधी यानि 37 सीटों पर पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार विजयी हुये हैं तो 18 सीटों पर दलित उम्मीदवार विजयी हुये हैं । कौशाम्बी की अनारक्षित सीट से दलित महिला वाचस्पति ने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया है। वहीं लखीमपुर खीरी की अनारक्षित सीट से दलित बंशीधर राज विजयी हुये हैं। सीतापुर, प्रतापगढ़, शाहजहांपुर, मेरठ, मथुरा, औरैया, आगरा, कानपुर देहात, संतकबीर नगर, इटावा, सहारनपुर, झांसी, आजमगढ़, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, और बुलंदशहर की अनारक्षित सीटों पर पिछड़ों ने बाजी मारी है।