नई दिल्ली, संसद के सेंट्रल हॉल में 30 जून की रात जीएसटी के मिडनाइट शो से पहले दिल्ली के व्यापारियों ने वस्तु एवं सेवा कर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जीएसटी दरों के खिलाफ शुक्रवार को दिल्ली के होलसेल व्यापारियों ने सभी मुख्य बाजार बंद रखे हैं। दिल्ली के साथ ही कानपुर और चंडीगढ़ में व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन की खबरें हैं। व्यापारियों का आरोप है कि सरकार ने रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों पर भी 28 प्रतिशत टैक्स रखा है। लोगों का कहना है कि सरकार ने ट्रैक्टरों की खरीद पर 12 प्रतिशत जीएसटी रखा है, जबकि ट्रैक्टर के स्पेयर पार्ट्स पर जीएसटी 28 प्रतिशत है।
कानपुर में व्यापारियों ने झांसी एक्सप्रेस को रोककर अपना विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों का कहना है कि उन्होंने कभी कम्यूटर का इस्तेमाल नहीं किया और जीएसटी के बाद कम्पयूटर के जरिए ही इश टैक्स को भरा जा सकता हऐ। जीएसटी के प्रचार प्रसार के लिए सरकार द्वारा उठाए कदम नाकाफी हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी में एक रिवर्स टैक्स का भी प्रावधान है, जो व्यापारियों की समझ से परे है।
व्यापारियों ने लग्जरी श्रेणी में आने वाली 28 प्रतिशत की दर वाली चीजों की सूची में सुधार के लिए सरकार से गुजारिश की है। जीएसटी के विरोध में चंडीगढ़ के कपड़ा व्यापारी भी शुक्रवार को सड़कों पर उतरे और मार्च निकाला। व्यापारियों ने कहा कि ऐसा करने से कपड़ा महंगा हो जाएगा और साथ ही सरकार ने जीएसटी फाइल करने को लेकर जो तकनीकियां रखी है वो एक छोटे व्यापारी के बस की बात नहीं है और ऐसे में छोटे व्यापारी के लिए काफी मुश्किल बढ़ जाएगी। व्यापारियों ने साफ कर दिया कि जब तक सरकार कपड़े से जीएसटी हटाने के फैसले पर अमल नहीं करेगी, वो ऐसे ही सड़कों पर उतर कर विरोध करते रहेंगे और अपना कामकाज ठप रखेंगे।