लखनऊ, उत्तर प्रदेश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की छापेमारी अभियान के विरोध में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने सोमवार को ट्रेड टैक्स कमिश्नर को ज्ञापन दिया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व्यापार प्रकोष्ठ रोहित अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने ट्रेड टैक्स कमिश्नर मिनिस्थी एस से मुलाकात की और उनसे वृहद छापामारी अभियान की वजह पूछीं। उन्होने कहा कि जीएसटी की छापेमारी से किस प्रकार व्यापारियों में भय है इसको लेकर ज्ञापन दिया।
रोहित अग्रवाल ने कहा कि “ सरकार ने स्वयं यह बताया है कि रिकार्ड कलेक्शन हुआ है तो छापेमारी क्यों हो रही है। विभाग को ऐसे कौन से इनपुट मिले हैं जो वाणिज्य विभाग ने एक साथ प्रदेश के सभी जिलों में छापेमारी शुरू कर दी है।जब 40 लाख रुपये तक के टर्न-ओवर वाले व्यापारियों को स्व-पंजीकरण और स्व कर निर्धारण की अनुमति है, तो उनके यहां छापेमारी कर माल को सीज क्यों किया जा रहा है।”
उन्होने कहा कि विभाग की ओर से व्यापारियों के खिलाफ की जा रही छापेमारी से भय का माहौल है व्यापारी अपनी दुकानों को खोलने से घबरा रहे हैं। यदि ऐसे ही चलता रहा,तो छोटे व्यापारियों के सामने कुछ दिन में परिवार के भरण पोषण को लेकर संकट उत्पन्न हो जाएगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार तानाशाही कर इंस्पेक्टर राज प्रणाली लागू करना चाहती है. व्यापारियों के साथ अवैध कर वसूली को लेकर छापेमारी के विरुद्ध आज ज्ञापन दिया है। उम्मीद है कि विभाग इसका संज्ञान लेगा और व्यापारियों का उत्पीड़न बंद करेगा।