टेरी के पूर्व प्रमुख पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के पर्याप्त सबूत: कोर्ट
May 14, 2016
नई दिल्ली, दिल्ली की एक कोर्ट ने कहा कि टेरी के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने पूर्व सहयोगी का कथित रूप से यौन उत्पीड़न करने और उसका शील भंग करने के मामले में दायर आरोप पत्र का संज्ञान लिया। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिवानी चौहान ने कहा कि कोर्ट संतुष्ट है कि आईपीसी की धारा 354ए, 354बी, 354डी, 509 और 341 के तहत द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के पूर्व प्रमुख पचौरी के खिलाफ कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए काफी सामग्री है।
दिल्ली पुलिस ने 1 मार्च को पचौरी के खिलाफ 1400 पन्नों का एक आरोप पत्र दाखिल किया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा कि पचौरी पर आरोप है कि उन्होंने कई अवसरों पर शिकायतकर्ता पर यौन रंजित टिप्पणियां कीं। उन्होंने शिकायतकर्ता की स्पष्ट अस्वीकृति के बावजूद उन्हें गलत तरीके से छुआ। उन्होंने कई अशोभनीय एसएमएस और व्हाट्सएप संदेश भेजे।
आरोप पत्र में अभियोजन पक्ष के 23 गवाह हैं जिनमें से ज्यादातर टेरी के मौजूदा और पूर्व कर्मी हैं। पचौरी पर महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप 2015 में लगा था। इसकी वजह से उन्हें पिछले साल फरवरी में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अंतर सरकारी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था। आरोप लगने के बाद वह टेरी से भी छुट्टी पर चले गए थे। पचौरी तब टेरी के महानिदेशक थे।