नयी दिल्ली, प्रदर्शनकारी पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का कामकाज तदर्थ समिति को सौंपने के भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के फैसले की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि यह बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनकी लड़ाई में पहला कदम है।
टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “यह (मौजूदा डब्ल्यूएफआई का विघटन) न्याय के लिये हमारी लड़ाई में पहला कदम है। हमारी लड़ाई सही मायनों में शुरू हुई है, यह हमारी जीत है। हम इसे तब तक जारी रखेंगे जब जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता।”
उल्लेखनीय है कि बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित देश के कई नामचीन पहलवान महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले 22 दिनों से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आईओए ने 12 मई को अपने पत्र के माध्यम से डब्ल्यूएफआई के महासचिव को आदेश दिये कि वह वित्तीय साधनों सहित सभी आधिकारिक दस्तावेज तदर्थ पैनल को सौंप दें। आईओए ने यह स्पष्ट किया कि महासंघ के संचालन में निवर्तमान पदाधिकारियों की कोई भूमिका नहीं होगी। डब्ल्यूएफआई ने कहा कि उसे आईओए के आदेश का पालन करने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह पहले से ही अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने अफसोस जताया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक भी महिला सांसद ने महिलाओं के सम्मान के लिये उनकी लड़ाई में समर्थन देने के लिये पहलवानों से मुलाकात नहीं की।
उन्होंने कहा कि सोमवार से पहलवान सत्ता पक्ष की सभी महिला सांसदों को हाथ से या ई-मेल के जरिए पत्र देंगे कि वे प्रदर्शन स्थल पर आकर उनका समर्थन करें।
उन्होंने कहा, “जब वे देश में महिलाओं की सुरक्षा की बात करते हैं तो हम भी उनकी बेटियां हैं। उन्हें सामने आकर हमारा समर्थन करना चाहिए। हम उन्हें (सत्तारूढ़ पार्टी की महिला सांसदों) एक खुला पत्र लिख रहे हैं और हमारे साथी पहलवान उन पत्रों को हाथ से वितरित करेंगे। हम ई-मेल द्वारा भी पत्र भेजेंगे। हमें लगता है कि हमारी आवाज, हमारी शिकायतें अभी तक उन तक नहीं पहुंची हैं। हमें लगता है कि पत्र मिलने के बाद वे आएंगे और हमारा समर्थन करेंगे।”
विनेश ने जंतर-मंतर पर एकत्रित लोगों से 16 मई को अपने-अपने जिला मुख्यालय आने और पहलवानों के समर्थन में ज्ञापन देने का अनुरोध भी किया।
विनेश ने कहा, “हमारा समर्थन करने वाले लोगों से हम महिलाओं के सम्मान के लिये सिर्फ एक दिन के लिये सत्याग्रह आंदोलन (अहिंसक प्रतिरोध) शुरू करने का अनुरोध करते हैं।”