लखनऊ, उत्तर प्रदेश में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर सरकार सतर्क हो गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की और बीमारी की रोकथाम के लिये जरूरी दिशा निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन, निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों की स्थिति और डेंगू की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि हाल के दिनों में डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी गई है। विगत कुछ दिनों में मुरादाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में डेंगू का प्रकोप बढ़ा है। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी हॉटस्पॉट की स्थिति न बनने पाए।
उन्होने कहा कि अस्पतालों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बेड की व्यवस्था कराई जाए। गांव हो या कि शहर कहीं भी एक भी संक्रमित मरीज इलाज के अभाव में परेशान न हो। सभी सरकारी व निजी अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों में नए रोगियों की नियमित रिपोर्टिंग जरूर हो।
मुखयमंत्री ने कहा कि जिलों में आउटब्रेक्स की स्थिति पर नियंत्रण हेतु ठोस प्रयास किये जाने आवश्यक है। नगर विकास, ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु फॉगिंग एवं लार्वीसाइडल स्प्रे कराई जाए। सुबह सैनीटाइज़ेशन व शाम को फॉगिंग का कार्य निरंतरता के साथ कराएं। जल भराव का निस्तारण कराएं।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन अयोग्य योजना के लिए पात्र हर परिवार का आयुष्मान कार्ड जरूर बनाया जाए। इस संबंध में वर्तमान में संचालित अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में अच्छा कार्य हो रहा है। अब तक 191.9 लाख परिवार इन योजनाओं से आच्छादित होकर पांच लाख रूपये वार्षिक के मुफ्त स्वास्थ्य बीमा सुविधा से लाभान्वित हो रहे हैं। योजना के बारे में आमजन के बीच जागरूकता भी बढ़ाई जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि असेवित जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए राज्य सरकार ने पीपीपी मोड की नीति अपनाई है। इसके तहत शामली, मऊ, महराजगंज और संभल में कार्य प्रारंभ हो चुका है। जबकि बागपत, मैनपुरी, कासगंज, महोबा, हमीरपुर और हाथरस के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। सभी जगह शीघ्र ही कार्य प्रारंभ किए जाएं।
उन्होने कहा कि विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों में चयनित 293 शिक्षकों और 1950 से अधिक स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर यथोचित तैनाती सुनिश्चित करें। राजकीय मेडिकल कॉलेजों में आचार्य, सह आचार्य और सहायक आचार्य के रिक्त पदों पर यथाशीघ्र योग्य चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए।
फेज-3 के अंतर्गत निर्माणाधीन बुलंदशहर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, औरैया, ललितपुर, सोनभद्र, कानपुर देहात, पीलीभीत, बिजनौर, चंदौली, कौशाम्बी, कुशीनगर, सुल्तानपुर व अमेठी मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए।