चेन्नई, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि दुनिया के हर कोने में फैले तमिल प्रवासियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी तमिलनाडु सरकार की है। श्री स्टालिन जापान की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
जापान की राजधानी टोक्यो में रविवार रात प्रवासी तमिलों को संबोधित करते हुए श्री स्टालिन ने कहा कि तमिल प्रवासी शिक्षा, व्यवसाय और रोजगार की तलाश में दुनिया के हर कोने में हैं। उन्होंने कहा कि तमिल भाषा की रक्षा का मतलब तमिल समुदाय की रक्षा करना है। इसलिए, तमिलनाडु सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह तमिल प्रवासियों की रक्षा करे। उन्होंने जापान में रह रहे तमिलों को तमिलनाडु आने का न्यौता दिया और कहा कि तमिलनाडु सरकार और सत्तारूढ़ द्रमुक उसे पूरा समर्थन देगी।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने तमिल प्रवासियों में उन लोगों की भी सराहना की, जिन्होंने स्कूलों में तमिल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया और तमिल साहित्य का प्रसार किया। इसके अलावा, उन तमिलों को तमिल पढ़ाया, जो भाषा नहीं जानते
थे । तमिल लेखकों को प्रोत्साहित किया और जापान में स्कूलों में तमिल पुस्तकालय खोले।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री स्टालिन ने सुसुमू ओहनो, इरावथम महादेवन, युको फुकुरोई, नोबोरू काराशिमा और शु हिकोसाका जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के योगदान को याद किया और कहा कि तमिल और जापान के बीच संबंध के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी याद किया कि जापान ने तमिल के लिए एक डाक टिकट जारी किया था। विद्वान एस.एम. मुथु, जिन्होंने एक मित्र के माध्यम से तमिल दोहे थिरुक्कुरल और अन्य तमिल साहित्यिक कृतियों का जापानी भाषा में अनुवाद करने में मदद की।