चेन्नई, तमिलनाडु में विपक्षी पार्टियों द्वारा आहूत बंद के कारण मंगलवार को जनजीवन प्रभावित रहा। शहर में हालांकि दुकानें और होटल बंद रहे, लेकिन सड़कों पर सरकारी बसें दौड़ती नजर आईं। साथ ही केंद्रीय और राज्य सरकार के कार्यालय और सार्वजनिक और निजी सेक्टर के उपक्रम खुले रहे। बंद के मद्देन जर किसी भी अप्रत्याशित घटना को रोकने के लिए राज्य में अधिकांश स्थानों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। विपक्षी पार्टियों ने तमिलनाडु के किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए केंद्र व राज्य सरकारों से इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की मांग करते हुए पिछले सप्ताह राज्य में 25 अप्रैल को बंद बुलाने का निर्णय लिया था।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन के नेतृत्व में पार्टी मुख्यालय में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक में मंगलवार को राज्यव्यापी बंद का निर्णय लिया गया था। बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूर किया गया। विपक्षी पार्टियों ने सरकार से राज्य के किसानों के कृषि ऋण माफ करने और उनसे जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने को भी कहा है।
बैठक में केंद्र से कावेरी प्रबंधन बोर्ड गठित करने, कावेरी डेल्टा क्षेत्र को विशेष कृषि क्षेत्र घोषित करने और हाइड्रो-कार्बन परियोजनाओं को बंद करने का आग्रह करने के प्रस्ताव भी पारित किए गए। बंद का आह्वान डीएमके, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, वीसीके और आईयूएमएल ने किया था। इन पार्टियों से जुड़े व्यापार संघों ने भी बंद का समर्थन किया है। खबरों के मुताबिक, तिरुपुर में अधिकांश हौजरी इकाइयां बंद रहीं और तिरुवरुर में किसान रेल की पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही पुडुचेरी में भी दुकानें बंद हैं।