महोबा, उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के महोबा जिले में बीते चौबीस घण्टो में कर्ज,आर्थिक तंगी और फसल खराब होने से क्षुब्ध होकर तीन किसानों के फांसी लगा लेने से हड़कम्प मच गया है।
अपर पुलिस अधीक्षक सत्यम ने यहां बताया कि चरखारी कोतवाली के करहरा खुर्द गांव में किसान संतराम राजपूत (52) ने अपने घर मे फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। भाई संदीप ने बताया कि संतराम आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। वह सुबह के समय खेतों की ओर गया था जहां मूंगफली की फसल खराब देख उसे गहरा सदमा पहुंचा। घर वापस लौटने पर उसने किसी से कोई बातचीत किये बगैर कमरे में खुद को बंद कर लिया और छत के कुंडे से फांसी का फंदा लगा उस पर झूल गया। मृतक किसान को बैंक से क्रेडिट कार्ड द्वारा लिए गए 1़़ 88लाख के कर्ज को भी चुकाना था, जिसे लेकर वह काफी परेशान रहता था।
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कुलपहाड़ कोतवाली के चुरारी गांव में 35 वर्षीय युवा किसान गुलाब बसोर ने देर रात अपने घर मे ही फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना परिजनों द्वारा पुलिस को दी गई। मृतक किसान डेढ़ बीघा का काश्तकार था। उसकी खुदकुशी का कारण स्पष्ट नही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उधर एक अन्य घटना पनवाड़ी क्षेत्र में तुर्रा गांव की है। जहां 62 वर्षीय किसान दिल्लीपति अहिरवार का पठवा में स्थित चिल्ला के पेड़ में फांसी पर लटका हुआ शव पाया गया। परिजनों के मुताबिक किसान ने सुबह घर के पास स्थित हेण्डपम्प में स्नान किया था और कपड़े पहन कर निकल गया था। उसका फांसी पर लटका हुआ शव ग्रामीणों ने देखा तो घटना की खबर पुलिस को दी गई। दिल्लीपति के आत्महत्या करने के पीछे वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है।
अपर पुलिस अधीक्षक सत्यम ने बताया कि तीनों किसानों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोष्ट मार्टम को भेजा है। जिले में एक साथ तीन किसानों के आत्महत्या करने की घटनाओं से हड़कम्प का माहौल है। इन घटनाओं को लेकर अपर जिलाधिकारी राम प्रकाश ने कहा कि राजस्व कर्मचारियों को तीनों किसानों के घर जाकर उनकी आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलने के उपरांत पीड़ित परिवारों को आवश्यक सहायता मुहैया कराई जाएगी।