बरेली, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारतीय जनता पार्टी पर तीन तलाक मामले में दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुये आज कहा कि मुसलमानों को यह बदनाम करने की साजिश है। बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने यहां एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि तलाक मुसलमानों के दो परिवारों के बीच का मामला है। जितना कुछ हो नहीं रहा है, उससे कहीं ज्यादा तलाक के दुष्प्रचार किए जा रहे हैं। इसे मुद्दा बनाकर इस्लाम को बदनाम किया जा रहा।
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इसकी आड़ में राजनीतिक हित साधे जा रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने तलाक के मसले पर दो बातें जोर देकर कही। उन्होंने केन्द्र सरकार से इस मामले में दखलंदाजी नहीं करने की गुजारिश की और दूसरे एक साथ तीन तलाक कहने वालों का सामाजिक बहिष्कार किए जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा की तीन तलाक से भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है।
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मुस्लिम बहिनों की फिक्र करने वाले भाजपा को मथुरा, कशी और हरिद्वार में भीख मांग रही बहिनों के बारे में भी सोचना चाहिए। एक साथ तीन तलाक पर रोक के लिए सरकार की तरफ से दस मुल्कों में कानून लागू होने का हवाला दिया जा रहा है। बोर्ड भी इन मुल्कों में तलाक के कानून के बारे में अपने स्तर से पता लगा रहा है। कानूनी लड़ाई को मजबूती से लडने के लिए वकीलों की टीम लगाई गई है। शौहर को तीन तलाक का अधिकार है लेकिन शरीयत ने इसे गलत करार दिया है।
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इससे मुस्लिम समाज के उन लोगों को वाकिफ कराने की जरूरत है, जो अनभिज्ञ हैं। सचिव ने कहा कि शरीयत की जानकारी न होने वाले मुस्लमान तलाक के नाम पर महिलाओं का शोषण कर रहे हैं। दरगाह और मस्जिद भी लोगों को शरीयत की सही जानकारी दें, जिससे कि तलाक को लेकर गलतफहमी दूर हो सके। उसका सही शक्ल में इस्तेमाल हो। मुस्लिम बहनों को किसी के बहकाने में नहीं आने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि शाहबानो को भी भड़काकर इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि शरीयत का कानून न बदला है और न बदलेगा।