लखनऊ, उत्तर प्रदेश में पिछले करीब साढ़े तीन महीने में महिला अपराधों में दोषी पाये गये 328 अभियुक्तों को उम्रकैद और 594 को दस साल से अधिक की सजा मिली है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रभावी पैरवी के जरिये प्रदेश में अभियुक्तों को कठोरतम दण्ड दिलाये जाने की दिशा में अभियोजन विभाग ने उल्लेखनीय प्रयास किये है। इस वर्ष 25 मार्च से 16 जुलाई के बीच पाॅक्सो अधिनियम, महिलाओं के विरूद्ध लैंगिक, बलात्कार एवं अन्य गंभीर अपराधों के साथ-साथ अन्य अपराधों में प्रभावी पैरवी के माध्यम से 328 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 594 अभियुक्तों को 10 वर्ष से अधिक की सजा तथा 1834 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा दिलाने में सफलता मिली है।
उन्होने बताश कि माफिया अपराधियों के मामलों में प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप बिजनौर में अभियुक्त मुनीर को एक वाद में दस वर्ष के कठोर कारावास व एक लाख रूपये के अर्थदण्ड तथा एक अन्य वाद में मृत्यु दण्ड व एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित कराया गया है। इसी प्रकार आजमगढ में अभियुक्त ध्रुव सिंह उर्फ कुण्टू सिंह को एक वाद में दस वर्ष के सश्रम कारावास तथा 50 हजार रूपये के अर्थदण्ड से एवं एक अन्य वाद में आजीवन कारावास व 50 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित कराया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशुतोष पाण्डे ने बताया कि पाॅक्सो न्यायालयों में इस वर्ष विगत 25 मार्च से 16 जुलाई तक की अवधि में प्रदेश में 892 अभियुक्तों को सजा करायी गयी, जिनमें से 145 को आजीवन कारावास, 291 को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा तथा 456 अभियुक्तोें को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी है। पाॅक्सो अधिनियम में सबसे अधिक 16 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा वाराणसी में करायी गयी है। दूसरे स्थान पर लखनऊ रहा जहाॅ 08 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। तीसरे स्थान पर जनपद चन्दौली, रायबरेली व शामली रहे जहाॅ 06-06 अभियुक्तों को सजा करायी गयी है।
उन्होने बताया कि दस वर्ष या उससे अधिक सजा कराने में भी वाराणसी को सर्वाधिक सफलता मिली है जहाॅ 23 अभियुक्तों को सजा करायी गयी है। इसी प्रकार 13 अभियुक्तों को सजा कराकर बरेली दूसरे स्थान पर तथा 12 अभियुक्तों को सजा करा कर आगरा तीसरे स्थान पर रहा है।