त्रिवेणी स्नान कर लौटते नागा सन्यांसी ठंड से हुआ अचेत

कुंभ नगर,  पतित पावनी गंगाए श्यामल यमुना और अन्तरू सलिला स्वरूप में प्रवाहित यमुना के संगम में बसंत पंचमी के पावन पर्व पर तीसरे और अंतिम शाही स्नान कर बाहर आते ही ठंड से एक नागा सन्यांसी अचेत होकर गिर पड़ा।

जूना अखाडा के दो हजार से अधिक नागा संन्यासी ष्हर.हर महादेवष् का उदघोष करते हाथों में तलवार और भाले लिए त्रिवेणी के तट पर पहुंचे। स्नान घाट से करीब 200 कदम पहले सभी नागा जमीन पर बैठ कर गंगाएयमुना और सरस्वती को धरती पर माथा टेक कर प्रणाम किया उसके बाद गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।

तड़के सर्द हवा का झाेंका शरीर में तीर की तरह चुभ रहा था। त्रिवेणी में स्नान करने के बाद बाहर आये कुछ नागा भीगे शरीर पर भस्म लपेट रहे थे। तभी एक नागा आराम से चलते हुए आए और सब के देखते ही देखते जमीन पर गिर पड़े। वहां मौजूद सुरक्षा के जवानों ने तत्काल चारों तरफ घेरा बनाकर कोई उनके हाथ की हथेली तो कोई उनके पैर के तलवे को रगड़ने लगा।

वहां मौजूद सुरक्षा के जवानों ने बताया कि बाबा सर्दी लगने के कारण अचेत हो गये। करीब आधे घंटे तक जवानों ने उनकी हथेलीए पैर का पंजा और सीने की मालिश की। उसके बाद नागा संन्यासी ने शरीर में उष्मा का संचार होने पर राहत महसूस किया।

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