लखनऊ, भारत में हर तीसरा शख्स थायराइड यानी गलग्रंथि से संबधित विकार से पीडित है। वजन में बढोत्तरी और हारमोंस में अंसतुलन के लिये थायराइड डिसआर्डर जिम्मेदार है। हालिया शोध के अनुसार देश में 40 प्रतिशत से अधिक लोग थायराइड से संबधित विकारो से ग्रसित है। उत्तर भारत में थायराइड डिसआर्डर का प्रकोप देश के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा है।
संजय गांधी स्नाताकोत्तर आर्युविज्ञान संस्थान में इंडोक्राइनोलाजी विभाग के प्रो ज्ञानचंद ने यूनीवार्ता से कहा कि थायरायड ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपरए वोकल कॉर्ड के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है। ये तितली के आकार की होती है। थायराइड ग्रंथि थाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है। इस हार्मोन से शरीर की एनर्जीए प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य हार्मोन्स के प्रति होने वाली संवेदनशीलता कंट्रोल होती है। ये ग्रंथि शरीर में मेटाबॉलिज्म की ग्रंथियों को भी कंट्रोल करती है। यह मेटाबॉलिज्मए शरीर के वजनए ऊर्जा और भोजन के मेटॉबॉलिज्म को विनियमित करने के लिए आवश्यक हार्मोन जारी करता है।
थायरॉइड विकार जैसे हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म अति सक्रिय थायरॉइड ग्रंथि स्वप्रतिरक्षी समस्याओंए हार्मोनल असंतुलनए तनावए पारिवारिक इतिहास और बैक्टीरियल इनफ्लामेशन के कारण होता है। हालांकिए थायरॉइड विकारों को स्वस्थ रखा जा सकता है। हाइपोथायरायडिज्म की वजह से वजन बढ़ सकता है तो वहीं दूसरी ओर एक अति सक्रिय थायरॉइड ग्रंथि वजन घटाने का भी काम करती है। उन्होंने बताया कि यह दोनों स्थितियां स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। थायरॉइड विकार काफी आम हैं जिसकी संभावना हमारे जीवन में 30 प्रतिशत तक होती है। और इससे बचने का सबसे अच्छा तरीकाए स्वस्थ थायरॉइड को बनाए रखना है।