मामला दबंगों द्वारा दलित को पीड़ित करने का था और ऐसे में दलित की सुनी नहीं जा रही थी।धनसोई के कुछ दलित परिवार के लोग लालू यादव के आवास पर फरियाद लेकर आये थे। इस दौरान उन्होंने अपनी गुहार लगाने के लिए , एक बार फिर थानेदार को फोन किया तो थानेदार ने शिकायत सुनने की बजाय जमकर हड़काया।
जब उन्होंने धनसोई के थानेदार को बताया कि वो अपनी फरियाद लेकर लालू यादव के पास आये हैं। जिसपर थानेदार के तेवर और कड़े हो गये और कहा कि लालू यादव के पास जाओ या जीतन राम मांझी के पास जाओ। होना कुछ नही है। हुआ ये कि इस दौरान थानेदार की ये हरकत रिकॉर्ड हो गयी।
जब दलित फरियादी ने लालू प्रसाद को सारी बात बतायी तो उन्होंने खुद बक्सर एसपी को फोन लगाया और थानेदार की करतूत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि थानेदार पर कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने बक्सर के एसपी से कहा और यह भी पूछा कि कौन दफा लगाये हो।
इसके बाद लालू ने थानेदार को कॉल किया और जमकर उसको फटकार लगायी। उन्होंने कहा कि आप थानेदार हैं, राजनीति के बारे में बोलना आपको शोभा नहीं देता। अगर ऐसा करोंगे तो कार्रवाई हो जायेगी। लालू यादव की बात सुनते ही थानेदार के तेवर ढीले पड़ गये।