नई दिल्ली, महेंद्र सिंह धौनी को बेस्ट कप्तान बोलने वाले टीम इंडिया के पूर्व डायरेक्टर और क्रिकेटर रवि शास्त्री ने तब विवाद को जन्म दे दिया था जब सफल भारतीय कप्तानों की लिस्ट से उन्होंने सौरव गांगुली को बाहर ही कर दिया था। इस पूरे मामले पर पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने हैरानी जताते हुए शास्त्री के बयान को बेवकूफी भरा करार दिया है। अजहर ने कहा कि वो हैरान हैं कि शास्त्री ने टीम इंडिया के सफल कप्तानों की लिस्ट में गांगुली को शामिल नहीं किया। शास्त्री ने धौनी की तारीफ करते हुए कहा था कि वो सभी कप्तानों के दादा हैं।
शास्त्री ने टीम इंडिया के सफल कप्तानों में कपिल देल, अजीत वाडेकर और टाइगर पटौदी का नाम लेते हुए कहा था कि इनके अलावा और कोई सफल कप्तान नहीं रहा है। दादा के नाम से मशहूर गांगुली को बेस्ट कप्तानों की लिस्ट से बाहर रखने पर अजहर ने कहा, ये बहुत ही बेवकूफी भरी बात है। उन्होंने आगे कहा, शास्त्री को क्या गांगुली के आंकड़े नजर नहीं आते। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि वो सबके बारे में क्या सोचते हैं लेकिन अगर आप भारत के सफलतम कप्तानों की बात कर रहे हैं तो अपनी निजी सोच से ऐसे लोगों की बेइज्जती नहीं करनी चाहिए जिन्होंने देश के क्रिकेट को बहुत कुछ दिया हो। आंकड़ों पर नजर डालें तो महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने सबसे ज्यादा 27 टेस्ट मैच जीते हैं।
दूसरे नंबर पर गांगुली हैं। दादा की कप्तानी में टीम इंडिया ने 21 टेस्ट मैच जीते हैं जबकि विराट कोहली और अजहर की कप्तानी में भारत को 14 टेस्ट जीत मिल चुकी हैं। गांगुली ने टीम इंडिया की कप्तानी उस दौर में संभाली थी जब टीम मैच फिक्सिंग कांड में भी फंसी हुई थी। दादा की ही कप्तानी में टीम इंडिया 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी। पिछले साल जब टीम इंडिया के कोच का सेलेक्शन हो रहा था तो गांगुली उन तीन सदस्यों की एडवाइजरी कमिटी में शामिल थे, जिसे टीम का कोच चुनना था। एडवाइजरी ने शास्त्री की जगह अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच चुना था। शास्त्री ने इसके लिए दादा को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद से दोनों ने मीडिया में भी एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बयान दिए हैं।