नई दिल्ली, रामजस कालेज में एबीवीपी और लेफ्ट छात्रों के बीच का विवाद अब सत्ता के गलियारों तक आ पहुंचा है। जहां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम के हालिया बयान के भाषा की तुलना अलगाववादियों से करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष सोनिया गांधी से सवाल किया कि क्या चिदंबरम का बयान कांग्रेस पार्टी का स्टैंड है। चिदंबरम के बयान पर चिंता जाहिर करते हुए रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि मैं चकित हूं कि वो एक अलगाववादी जैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मैं सोनियां गांधी से पूछना चाहूंगा कि क्या चिंदबरम का बयान ही कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक स्टैंड माना जाएं।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनामिक्स से डीयू की घटना पर टिप्पणी करते हुये कहा था कि अभिव्यकि की आजादी किसी को भी देश की संप्रभुता पर चोट करने की आजादी नहीं देती है। जेटली के बयान पर पलटवार करते हुए चिदंबरम ने ट्वीट कर पूछा कि जब अरुण जेटली 1975 में डूसू के अध्यक्ष थे तब क्या वह विनाश का गठजोड़ की अगुआई कर रहे थे। भाजपा को चिदंबरम का यह ट्वीट नागवार गुजरा और जेटली के बचाव में रविशंकर प्रसाद उतर आये। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के लिए खड़े रहे। 1974-75 जब वो डूसू के अध्यक्ष थे। इस दौरान कांग्रेस की ओर से देश पर लगाये गये आपातकाल के दौरान अभिव्यक्ति की आजादी के लिए जेटली जेल गये। वो जेल ब्रेकिंग के लिए नहीं, बल्कि भारतीयों की स्वतंत्रता के लिए गये। रवि शंकर प्रसाद ने इंदिरा गांधी के समय हुए आपातकाल को याद करते हुये कहा कि उस वक्त अभिव्यक्ति की आजादी को पूरी तरह कुचल दिया गया था। उन्होंने चिदंबरम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता उस वक्त चिदंबरम कहां थे। लेकिन मुझे उम्मीद है कि चिदंबरम को समझना चाहिए कि भाजपा हमेशा से भारत की अखंडता और स्वतंत्रता के लिए खड़ी रही है।