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दिल्ली में मुख्यमंत्री तक सुरक्षित नहीं, केजरीवाल पर मिर्ची पाउडर का हमला

नयी दिल्ली,  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली सचिवालय में  एक शख्स के कथित रूप से मिर्ची पाउडर फेंकने को लेकर सियासत शुरू हो गयी है। आम आदमी पार्टी  ने आरोप लगाया है कि हमलावर को केंद्र की भाजपा सरकार का समर्थन हैए वहीं राजौरी गार्डन से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस घटना को श्केजरीवाल का स्वयं रचित ड्रामा करार दिया है।

सुरक्षाकर्मियों ने मिर्ची पाउडर फेंकने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया। उसका नाम अनिल शर्मा बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री की आंख में मिर्ची पाउडर गिरा है और धक्काण्मुक्की के दौरान श्री केजरीवाल का चश्मा भी टूट गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री दिल्ली सचिवालय कार्यालय में आये हुए थे और बैठक के लिए अपने चैंबर में जा रहे थे। इसी दौरान चैंबर के बाहर खड़े युवक ने उन पर मिर्ची पाउडर फेंका। युवक इसे एक डिब्बी में लाया था। पुलिस ने युवक को पकड़ लिया है और उसे दिल्ली सचिवालय से कुछ ही दूरी पर स्थित आईपी एक्सटेंशन थाने ले जाया गया है। घटना अपराह्न करीब दो बजे की बताई जा रही है।

आम आदमी पार्टी  ने इसे घातक हमला करार देते हुए कहा है कि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक की है। पार्टी ने कहा है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री तक सुरक्षित नहीं है। सिरसा ने कहाएष् पहले भी हम केजरीवाल के ऐसे नाटक देख चुके हैं। उनके ऊपर पहले स्याही अथवा जूता फेंका गयाए यह भी उनके पैदा किये गये विवाद थे। अब सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए यह योजना बनाई गयी जिससे कि मीडिया का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हो सके। उन्होंने कहाए  दिल्ली सचिवालय में उनकी अपनी सुरक्षा व्यवस्था है और कोई भी व्यक्ति बिना पास के अंदर घुस नहीं सकता।

इस घटना के बाद आप पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा और सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह कृत्य भाजपा की केंद्र की सरकार के समर्थन से हुआ है। दोनों ने कहाए ष् भाजपा की केंद्र सरकार ऐसा माहौल पैदा कर रही है जिससे समाज विरोधी तत्व मुख्यमंत्री केजरीवाल पर हमला करें और इन्हें केंद्र सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। दोनों ने कहाए ष् यदि मुख्यमंत्री सुरक्षित नहीं हैं और उनकी हत्या का प्रयास होता है तो आम आदमी कैसे सुरक्षित हो सकता है। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस घटना की कड़ी भर्त्सना की है। उन्होंने कहा कि नाराजगी कितनी भी हो ऐसे व्यवहार को कभी उचित नहीं कहा जा सकता है।