नई दिल्ली, दुनिया की सबसे तेज ट्रेन बनानेवाली कंपनी हाइपरलूप वन ने आज यहां भारत के लिए हाइपरलूप वन का विजन सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें कंपनी ने दिखाया कि किस तरह से हाइरपरलूप ट्रेन के माध्यम से दिल्ली से मुंबई तक की दूरी महज 55 मिनट में तय की जा सकती है। इस सम्मेलन में शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने भी भाग लिया कंपनी के अधिकारियों के साथ देश में पहले हाइपरलून वन परिचालन को विकसित करने पर चर्चा की।
भारत के लिए हाइपरलूप वन का विजन सम्मेलन में कंपनी ने दिल्ली-मुंबई रूट समेत कुल पांच रूटों पर हाइपरलूप ट्रेन चलाने का प्रस्ताव दिया, ताकि देश में परिवहन में सुधार आ सके। कंपनी ने बताया कि परिवहन के इस नए साधन से ना सिर्फ यात्रियों, बल्कि बेहद तेज गति से माल ढुलाई भी की जा सकती है। हाइपरलूप वन के कार्यकारी अध्यक्ष शेरविन पिशेवर ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को बदलने का सपना और इस बदलाव को लाने में तकनीक की जिस भूमिका को वे देखते हैं, वह वास्तव में उल्लेखनीय है।
भारत हाइपरलूप वन नेटवर्क के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र है। देश को जोड़ने का प्रधानमंत्री की दृष्टि हाइपरलूप वन की दुनिया को जोड़ने के उद्देश्य से सीधे जुड़ता है। इस तरह मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया पहल के साथ हम खुद को भारत में इस दिशा में काम करते देख पा रहे हैं। हाइपरलूप वन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोब लॉयड ने कहा, हाइपरलूप वन से भारत पर्याप्त बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद मिलेगी, जो आर्थिक और पर्यावरण की दृष्टि से भी स्थाई हो।
हाइपरलूप वन की तरह की परिवहन प्रणाली से निसंदेह मौजूदा अवसंरचनाओं पर दबाव कम होगा, जबकि यह लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाएगा। हम इसे लेकर पहले से ही दुनिया भर में सरकार के साथ काम कर रहे हैं और हम भारत के साथ भी इस प्रयास का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं। कंपनी ने कुछ अन्य रूटों पर भी हाइपरलूप ट्रेन चलाने के प्रस्ताव की जानकारी दी है। इसमें बेंगलुरू से चेन्नई, बेंगलुरू से तिरुवनंतपुरम, मुंबई से चेन्नई और बेंगलुरू से चेन्नई शामिल है।