
उनका काफिला दिल्ली से यमुना एक्सप्रेस से होकर सैफई को रवाना हुआ तो देखने वाले दंग रह गये। एत्मादपुर तक यह काफिला करीब 500 गाड़ियों का रहा। इसके बाद आगे चलते काफिले में गाड़ियां जुड़ती गयीं। जगह-जगह प्रोफेसर के समर्थक उनका स्वागत करने के बाद काफिले में शामिल होते रहे। टूंडला, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद और सिरसागंज होते हुए काफिला सैफई की ओर रवाना हो गया। सिरसा गंज से काफिले में करीब एक हजार गाड़ियों में सवार उनके समर्थक प्रो. रामगोपाल की ताकत बयां कर रहे थे। काफिले में प्रो. रामगोपाल के साथ ही उनके पुत्र और फिरोजाबाद के सांसद अक्षय यादव, उनके भांजे व एमएलसी अरविंद यादव और एमएलसी डॉ. दिलीप यादव भी शामिल थे।
दिल्ली से लेकर सैफई के बीच प्रोफेसर रामगोपाल यादव के काफिले का जगह-जगह स्वागत होते समय सपा महासचिव ने समर्थकों को संबोधित भी किया । इस दौरान प्रो. रामगोपाल ने अपने दिल की बात कही। वे बोले कि जब मेरे खिलाफ पार्टी में नारेबाजी हुई तब मुझे लगा था कि मेरे समर्थन में लोग सड़क पर आने से डरेंगे। मगर आज मैं समर्थकों को धन्यवाद देता हूं।