मुंबई, बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि सरकार से सहायता प्राप्त स्कूल दिव्यांग छात्रों और कर्मचारियों की सहायता के लिये विशेष शिक्षक और सहायक नियुक्त करे जैसा कि वैधानिक नियमों में निर्धारित है।
अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग व्यक्तियों को शिक्षा और रोजगार के ‘‘अर्थपूर्ण अवसर उपलब्ध कराने के लिये बाध्य’’ है।
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने कल प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि दिव्यांगों की सहायता के लिये मंजूर किये गये सभी विशेष शिक्षकों और सहायकों को नौकरी उपलब्ध कराई जाये।
पीठ ऐसे ही एक सहायक द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसे वर्ष 2009 में प्रदेश के प्राधिकारियों ने सोलापुर जिले में दिव्यांग छात्रों के लिये एक विशेष विद्यालय में बतौर स्थायी कर्मचारी नियुक्त किया था। सरकार ने हालांकि जनवरी 2016 में इस विद्यालय को बिना किसी नोटिस के बंद कर दिया था।