चित्रकूट, उत्तर प्रदेश में चित्रकूट नगर की सामाजिक संस्था दृष्टि में आज 18वें दिव्यांग जन सामूहिक विवाह सम्मेलन का धूमधाम से आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन संस्था के महासचिव शंकर लाल गुप्ता ने किया ,इस कार्यक्रम में 08 नेत्रहीन जोड़ो का विवाह सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर श्री गुप्ता ने कहा कि दृष्टि संस्थान ने दृष्टिबाधित बालिकाओं एवं महिलाओं के सम्पूर्ण सशक्तिकरण का संकल्प लेकर वर्ष 1995 से से कार्य करना प्रारम्भ किया था। जैसे-जैसे संस्था का विकास होता गया, संस्था द्वारा नये-नये प्रकल्पों के माध्यम से उनके कल्याण के कार्य प्रारम्भ किए गए। आज समाज में दृष्टिबाधितों ने शिक्षा के माध्यम से अपना संतोषजनक स्थान बनाते हुए अपने पैरो में खडे होकर सबको दिखा दिया परन्तु सामाजिक पुनर्वास के मामले में वे अभी भी अनदेखे किए जा रहे है।
अच्छे-खासे कमाऊ दृष्टिबाधित लडके एवं लडकियां विवाह को तरसते है क्योंकि परिवार व समाज ने अभी उनको पारिवारिक जीवन निर्वाह कर सकने में सक्षम होने की स्वीकार्यता नही दी। अधिकतर लोगों की नजर उनके धन पर रहती है। संस्था द्वारा इस दिशा में 17 वर्षो से बडे संघर्षो से कार्य कर रही है। अभी तक संस्था द्वारा 65 विवाह कराए जा चुके है जबकि इतनी संख्या प्रतिवर्ष होनी चाहिए। दृष्टिबाधितों की आत्मनिर्भरता का प्रतिशत इससे अधिक है। हमारे लिए खुशी की बात है कि इस वर्ष 08 जोडे शादी के बंधन में बंध रहे है।
इस अवसर पर संस्था के सचिव बलबीर सिंह ने बताया कि दृष्टिबाधितों के विवाह की प्रक्रिया एक माह पूर्व परिचय सम्मेलन के माध्यम से प्रारम्भ होकर विवाह सम्मेलन के बाद समाप्त होती है। इस दौरान संस्था को अनेक प्रयास करने पडते है। तब जाकर यह सुखद दिन आता है।
इस वर्ष सतना की रीतू पटेल का विवाह प्रयागराज के समरजीत सिंह, पूजा हमीरपुर का सीतापुर के विपिन सिंह, हमीरपुर की सुमन का चित्रकूट के राजा, जबलपुर की किरन का मुरादाबाद के जयवीर के साथ सुनीता प्रतापगढ़ का रोहित प्रतापगढ़ के साथ किरण प्रतापगढ़ का अजय प्रतापगढ़ के साथ संपन्न हुआ हजारों लोगों ने नव दंपति को आशीर्वाद दिया। उल्लेखनीय है संस्था के सचिव शंकर लाल गुप्ता भी स्वयं नेत्रहीन है और पूरी संस्था का देखरेख करते हैं।