दुनिया के सबसे उंचे चंद्रोदय मंदिर में, डिज्नीलैंड की तर्ज पर बनेगा कृष्णा थीमपार्क
September 18, 2016
नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश में बांके बिहारी की नगरी वृंदावन में प्रस्तावित दुनिया के सबसे उंचे चंद्रोदय मंदिर के परिसर में बच्चों को आकर्षित करने के लिए डिज्नीलैंड की तर्ज पर कृष्णा थीमपार्क बनाया जाएगा। जिसमें मनोरंजन के साथ ही उन्हें माखन चोर की विविध लीलाओं से अवगत कराया जाएगा। सात सौ फुट उंचाई वाले इस मंदिर में एक इंडोर थीमपार्क बनाया जाएगा जिसमें भगवान कृष्ण की लीलाओं को दिखाने वाले करीब आठ से दस स्थल होंगे। लाइट एंड साउंड शो जैसे कार्यक्रमों के जरिये इन स्थलों पर बच्चों को मनोरंजन के साथ द्वापर युग में कान्हा द्वारा ब्रज भूमि पर की गई लीलाओं को जानने समझने का मौका मिलेगा। मंदिर के परियोजना निदेशक एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरसिम्हा दास ने बताया कि यह थीमपार्क गिरिधर के बाल रूप में अघासुर और बकासुर वध जैसी लीलाओं पर आधारित होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अघासुर वध को दिखाने के लिए अजगर के मुंह वाली गुफा बनाई जाएगी जिसके अंदर पानी भरा जाएगा। बच्चे और उनके अभिभावक एक नाव में बैठकर इसमें जाएंगे और गुफा में दीवारों पर लाइट एंड साउंड शो, लेजर शो, थ्रीडी इफेक्ट, संगीतमय फुव्वारा, प्रोजेक्ट इफेक्ट जैसे आकषर्क इंतजाम किये जाएंगे। दास ने कहा कि इसी तरह से आठ से दस अन्य अलग अलग स्थल होंगे जहां बच्चों को मनोरंजन के साथ बंसी वाले को जानने का मौका मिलेगा। थीमपार्क का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मंदिर में लाकर हंसते खेलते कन्हैया के जीवन और उनसे जुड़ी घटनाओं से अवगत कराना है। भगवान कृष्ण से जुड़ी संस्था इस्कान बेंगलुरू द्वारा बनवाए जा रहे इस मंदिर की वर्ष 2014 में आधारशिला रखी गई थी और इसे वर्ष 2022 तक बनाने का लक्ष्य है। दास ने कहा कि सत्तर एकड़ क्षेत्र के परिसर में 70 मंजिला मुख्य मंदिर में भूतल पर एक लिफ्ट लगाई जाएगी जो भक्तों को 70वीं मंजिल पर मौजूद दर्शक गलियारे पर पहुंचाएगी। इस गलियारे से वृंदावन, गोवर्धन, बरसाना, गोकुल, मथुरा का पूरा नजारा देखने को मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि उन्हें उम्मीद है कि मौसम साफ रहने पर लोग 70वीं मंजिल से आगरा का प्रसिद्ध ताज महल भी देख पाएंगे। दास ने कहा कि मंदिर परिसर में वृंदावन के अलग अलग वनों के प्रतीक स्वरूप 12 वन होंगे। उन्होंने कहा कि इस मंदिर की नींव 55 मीटर गहरी है और नींव का काम अगले वर्ष मार्च तक पूरा करके मुख्य ढांचे पर काम शुरू होगा। इस मंदिर के परियोजना दल में देश विदेश की 25 कंपनियां शामिल हैं जिन्हें उनकी विशेषज्ञता के आधार पर अलग अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। दास ने कहा कि मंदिर का परिसर इतना बड़ा होगा कि एक साथ दस हजार लोग दर्शन कर सकेंगे। उन्हें सामान्य दिनों में 35 हजार जबकि त्यौहारों पर पांच लाख लोगों के मंदिर आने की उम्मीद है।