कुम्भ नगर, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक पर्व कुम्भ में प्रवासी भारतीय गुरूवार को पतित पावनी गंगाएश्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाएंगे। अपर कुम्भ मेला अधिकारी दिलीप कुमार तिगुनायत ने बुधवार को मीडिया सेंटर पर संवाददाताओं से कहा कि मारीशष के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ वाराणसी से उड़कर बम्हरौली विमान पत्तन पर 10.30 बजे पहुंचेगे। उसके बाद वह संगम नोज जायेंगे। उनका कुल डेढ़ घंटे का कार्यक्रम है। वह 12 बजे दिल्ली के लिए उड जायेंगे।
उन्होंने बताया कि करीब 3200 प्रवासी मेहमानों को काफिला गुरूवार को वाराणसी से तीर्थराज प्रयाग आयेगा। पहला ग्रुप 11 बजे अरैल स्थित टेंट सिटी पहुंचेगा। वहां से उन्हें क्रूजए मोटर बोट और स्टीमर से संगम ले जाया जायेगा। उनके स्नान के लिए संगम पर विशेष बाथ पूल तैयार कराया गया है। तिगुनायत ने बताया कि मेहमानों को इंद्रप्रस्थए वैदिक सिटी समेत तीन स्थानों पर ठहराने की व्यवस्था की गयी है। सबसे अधिक मेहमान इंद्रप्रस्थ में ठहरेंगें। उन्होंने बताया कि यहां 1900 से 2000 मेहमान ठहरेंगें। मेहमानों को 10.10 बसों के समूह में लाया जायेगा। कुल 90 बसों में उन्हें लाया जायेगा। यहां वे अक्षयवटए सरस्वती कूप और लेटे हनुमान मंदिर का दर्शन करेगें।
उन्होने बताया कि मेहमानों को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर दिखाने के लिए अरैल में सांसकृतिक कला ग्राम और शिल्पग्राम भी बसाया गया है। सांस्कृति ग्राम में प्रगैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक काल तक की मानव सभ्यता संयोजित की गयी है। संगम की विस्तीर्ण रेती पर आस्थाए धर्म और संस्कृति की बसी अस्थायी नगरी आलौकिक और सुखद अनुभूति कराने वाला होगा। प्रवासी भारतीय अदृश्य सरस्वती समेत तीन नदियों के संगम का ही दर्शन नहीं करेंगे बल्कि अपने दादाए परदादा की समृद्ध कलाए संस्कृति और सभ्यता की झलक भी देखेंगे। त्रिगुनायत ने बताया कि सभी मेहमान इलाहाबाद से अलग अलग ट्रेनों से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। मेहमानों की पहली 7.30 बजे रवाना होगीए दूसरी 8.15 बजे और तीसरी ट्रेन 9.55 बजे रवाना होगी।