नई दिल्ली, इसमें कोई शक नहीं कि चीन की ये तकनीक गजब की है. चीन ने इसे ब्रेन रीडिंग चिप के तौर पर पेश किया है. इसका वैज्ञानिक नाम है बीसी3 यानि ब्रेन कंप्युटर कोडेक चिप. वैसे बोलचाल में इसे ब्रेन टाकर कहा जा रहा है. ये बहुत छोटी लेकिन जबरदस्त स्पीड से काम करने में सक्षम चिप होगी.
यानि इस चिप के जरिए ब्रेन कंप्युटर इंटरफेस (बीसीआई) तैयार किया जा सकेगा. वैसे ये कांसैप्ट नया नहीं है. वैज्ञानिक इससे पहले भी बीसीआई डिवाइस बना चुके हैं, जिससे पैरालाइज व्यक्ति अपने रोबोटिक हाथ को नियंत्रित कर सकते हैं लेकिन अब तक कोई ऐसी चिप नहीं बनी जो आपके दिमाग में झांक सके या दिमाग को बाहुबली बना दे. ये ऐसी डिवाइस होगी जो मानवीय ब्रेन को कंप्युटर्स से जोड़ेगी.इसे तैयार किया है चीन के सरकारी विभाग चीन इलैक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन और तियानजिन यूनिवर्सिटी ने मिलकर.
लंबे समय से हम लोग सुनते आ रहे हैं विज्ञान की दुनिया ऐसी चिप विकसित करने में लगी है, जो हमारे शरीर में लगा दी जाएगी, जिससे हमारी हर गतिविधि या आने-जाने की जानकारी पता लगाई जा सकती है. निश्चित तौर पर ऐसी चिप तो विकसित हो चुकी हैं. लेकिन अब चीन ने जिस चिप को विकसित किया है, वो इससे कई कदम आगे है.
मोटे तौर पर कहा जा रहा है कि इस चिप को लगाते ही हमारे ब्रेन की हर गतिविधि, हर जानकारी, हर इच्छा और हर मर्जी को कंप्युटर समझेगा. हम जो चाहेंगे वो वैसा करेगा यानि वो हमारे नियंत्रण में होगा और हमारी हर मर्जी का पालन करेगा. यानि हम जो चाहेंगे कंप्युटर करने लगेगा. वैसे ये दावा किया गया है कि इससे ब्रेन के न्यूरो संरचना पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
चीन के वैज्ञानिकों का् कहना है कि केवल कंप्युटर ही क्यों बल्कि कंप्युटर आधारित कोई भी डिवाइस, स्मार्टफोन बगैर हमारे हरकत में या कोई बटन दबाए बगैर हमारी मर्जी से संचालित होने लगेंगे. मान लीजिए आपने अपने दिमाग में ताजमहल की कोई जानकारी चाही तो आपके कंप्युटर की सक्रीन पर तुरंत ताजमहल की सारी जानकारी दिखने लग जाएगी. इसी तरह अगर किसी डॉक्टर को कॉल करना चाहते हैं तो चिप से जुड़ा स्मार्टफोन तुरंत आपके बोले बस आपने दिमाग की बात समझ कर डॉक्टर को फोन घुमा देगा.
चिप लगते ही ब्रेन से आने वाली तरंगें ही कंप्युटर को संचालित करेंगी और ये आपके निर्देशों को ग्रहण करेगा. सिगनल कैसे बनेंगे और कैसे कंप्युटर तक पहुंचेंगे, इसकी अपनी प्रक्रिया होगी. वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रेन टॉकर कहा जाने वाला ये चिप पहले दिमाग के अंदर सेरेब्रल कोर्टेक्स में पैदा होने वाले हर छोटे से छोटे इलैक्ट्रॉनिक आवेगों को पकड़ेगा. फिर इन्हें सिगनल में बदलेगा, जिसे कंप्युटर की ओर भेजा जा सकेगा.