नई दिल्ली, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2017 को लोकसभा में पेश किया। वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट को जहां सत्ता पक्ष की तरफ से सराहना मिली, वहीं विपक्ष ने इसे जनविरोधी करार दिया।
आम बजट पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि एक नए युग की शुरुआत हो रही है।
वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह शेरोशायरी का बजट है। जेटली जी ने शेर-शायरी की, अच्छा भाषण पढ़ा पर बजट से उम्मीदें पूरी नहीं हुईं। उम्मीद थी कि नोटबंदी से आहत होने के बाद किसानों, बेरोजगारों के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं होंगी पर ऐसा नहीं हुआ। पहली स्पीच में नरेंद्र मोदी ने बुलेट ट्रेन का विजन दिया था, बुलेट ट्रेन नहीं आई, सेफ्टी रेकॉर्ड इस सरकार का सबसे खराब, उसपर कुछ नहीं बोले। उम्मीद थी कि सरकार गरीबों, किसानों, बेरोजगारों के लिए कुछ करेगी, पर हुआ कुछ नहीं। इसमें किसानों के लिए कुछ नहीं है। राजनीतिक दलों की फंडिंग में भ्रष्टाचार दूर करने के किसी भी कदम को हमारा समर्थन है।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बजट में ग्रामीण, कृषि क्षेत्र पर खासा ध्यान, यह राजनीति में पारदर्शिता लाएगा।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि बजट में ऐसा कुछ नहीं है। इसमें सरकारी योजनाओं पर बहुत खर्च किया जा रहा है।
कांग्रेस नेत्री रेणुका चौधरी ने कहा कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र को नकार दिया है। राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे पर उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा चेक, ईसीएस और बान्ड्स के जरिए यूपी का चुनाव लड़ रही है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट से चुनाव में पारदर्शिता और हमारे लोकतंत्र में मजबूती आएगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की बेटी सोनाली जेटली ने कहा कि ये एक संतुलित बजट है, जिससे देश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ेगा।
शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि हर साल बजट पेश करने की जरूरत ही क्या है। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या बजट में पिछले साल जो ऐलान किए गए वो पूरे हुए।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने आम बजट 2017 को रूटीन बजट बताया।
टीएमसी अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट को विवादित बताया।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि रेल बजट को मुख्य बजट में समाहित करने से उसकी पहचान खत्म हो गई। बड़ी मछली छोटी मछली को निगल गई।