नई दिल्ली, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हमने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया , न्यायपालिका या निर्वाचन आयोग जिस भी संस्था को खड़ा किया, भाजपा, आरएसएस और मोदी ने उसे कमजोर कर दिया। आज इस देश में कोई भी ऐसी संस्था नहीं है, जिसका सम्मान हो। राहुल ने मोदी और भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा, हमने पिछले 70 सालों में यह नहीं किया। राहुल ने कहा, आरबीआई, जो देश का वित्तीय आधार है, उसका उपहास किया गया, आरबीआई गर्वनर के पद का उपहास किया गया। राहुल ने दावा किया किया कि नोटबंदी आरबीआई का फैसला नहीं था। राहुल ने कहा, केवल दो-तीन लोगों से बात करके उन्होंने दुनिया का सबसे बुरा वित्तीय प्रयोग किया है और अगर आप उनसे पूछें तो वह कहते हैं कि आप कौन हैं। देश केवल मोदी और मोहन भागवत द्वारा चलाया जा रहा है।
राहुल ने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह मजाक उसके नोटबंदी के अयोग्य फैसले को लेकर उड़ाया जा रहा है। राहुल ने नई दिल्ली में पार्टी के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर देश की संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने नोटबंदी को मोदी का निजी फैसला बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और आरएसएसय प्रमुख मोहन भागवत की मनमर्जी से विश्व का यह सबसे बड़ा वित्तीय प्रयोग किया गया।
राहुल ने कहा, इतिहास में पहली बार पूरी दुनिया में भारत के प्रधानमंत्री का उपहास उड़ाया जा रहा है। राहुल ने आठ नवंबर के नोटबंदी के फैसले के बारे में कहा, इससे पहले सम्मानित स्थान रखने वाले हर एक अर्थशास्त्री ने कभी नहीं कहा कि प्रधानमंत्री ने अक्षम और गलत सोच वाला फैसला लिया है। राहुल ने यह भी कहा कि कांग्रेस के सत्ता में लौटने पर ही अच्छे दिन आएंगे, जिनका 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने वादा किया था।
राहुल ने कहा, वह स्वच्छ भारत से कूदकर सर्जिकल स्ट्राइक पर जाते हैं फिर वहां से नोटबंदी पर छलांग लगा देते हैं। वह एक के बाद दूसरी चीजों पर कूद रहे हैं और देश की जनता परेशान है कि अच्छे दिन कब आएंगे। उन्होंने कहा, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि अच्छे दिन तब आएंगे, जब कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी। राहुल ने देश की संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा को लेकर पार्टी की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। राहुल ने कहा, हम देश को बताना चाहते हैं कि भारत की आत्मा उसकी संस्थाएं हैं और हम उनकी रक्षा करेंगे। हम मोदी और भागवत की इस मानसिकता के खिलाफ हैं कि केवल दो-तीन लोग ही देश चला सकते हैं। हम इस मानसिकता को हरा देंगे। राहुल ने मोदी को गरीबों और किसानों के पास जाकर अपने फैसले के प्रभाव के बारे में जानने और उनका दर्द महसूस करने को भी कहा। राहुल ने कहा कि मीडिया पर कई किस्म के दबाव हैं। उन्होंने कहा, हम उनकी घबराहट और दुर्दशा समझते हैं। लेकिन, लोग जो दर्द झेल रहे हैं, उसे उजागर करना आपकी (मीडिया की) जिम्मेदारी है। आपको अपनी इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए।