नयी दिल्ली, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ‘इंडियन इंट्राओकुलर इम्प्लांट एंड रिफ्रेक्टिव सोसाइटी ऑफ इंडिया’ (आईआईआरएसआई) सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शनिवार को कहा कि इस संगठन के नेत्र विशेषज्ञों और अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों का नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान बहुत सराहनीय है।
ओम बिरला ने कहा कि नवीनतम नवाचार, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के आधार पर नेत्र चिकित्सा के लिए समर्पित भारतीय डॉक्टरों ने सम्पूर्ण विश्व में भारत की ताकत और योग्यता दिखाई है।
उन्होंने आईआईआरएसआई के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले चार दशकों से इस संगठन ने चर्चा-संवाद के आधार पर नयी प्रौद्योगिकी, अनुभव, अनुसंधान , नवाचार साझा करके नेत्र चिकित्सा से जुड़े सभी पहलुओं पर बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आईआईआरएसआई के डॉक्टर नियमित रूप से अपने विचार, अनुभव, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान का आदान-प्रदान करते हैं। इससे जनता और समाज का कल्याण का कार्य सुनिश्चित होता है।
उन्होंने कहा कि नेत्र चिकित्सकों ने जन सेवा में पुण्य कमाया है और दूरदराज के गांवों के लोगों के लिए जागरूकता और सेवा की दिशा में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि नेत्र विशेषज्ञ अक्सर गांवों के लोगों लिए शिविर लगाकर जानकारी और इलाज प्रदान करते हैं जिससे आम लोगों को सुविधा मिलती है और अंतिम व्यक्ति तक आधुनिक और प्रभावी चिकित्सा मुहैया होती है। उन्होंने हर्ष व्यक्त किया और कहा कि उनके प्रयासों के परिणाम अत्यंत उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुराने दिनों में अज्ञान के कारण लोग कई बार आंखों का इलाज नहीं कराते थे, लेकिन अब व्यवस्था में बहुत बदलाव आया है। जागरूकता बढ़ने के कारण लोग आज समय रहते डॉक्टर से आंखों का इलाज कराते हैं।
ओम बिरला ने कहा कि आज के समय में भारत में हुए नये अनुसंधान , नवाचार को दुनिया के विकसित देशों द्वारा अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के डॉक्टर विश्व में अपनी कार्यकुशलता, नवाचार और अनुसंधान के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने स्वस्थ जीवन शैली के महत्व पर बल देते हुए कहा कि आज के समय में कई बार बच्चों को छोटी उम्र में चश्मा लग जाता है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक बच्चों का मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल आंखों पर प्रतिकूल असर डालता है। उन्होंने माता-पिता को इस दिशा में ध्यान देने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि फोन का इस्तेमाल जिम्मेदारी से करना चाहिए और अत्यधिक फ़ोन के इस्तेमाल से आंखों पर होने वाले विपरीत असर की जानकारी लोगों तक पहुंचाना बहुत आवश्यक है।
ओम बिरला ने देश की लोकतांत्रिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है क्योंकि वैदिक काल से ही भारत के सभी कार्य और प्रथायें लोकतांत्रिक रही है।