नयी दिल्ली, सरकार ने आम बजट 2016-17 में देश के प्रत्येक जिला अस्पताल में डायलिसिस केन्द्र खोलने एवं गरीबों को सस्ती डायलिसिस सेवा सुलभ कराने के वास्ते राष्ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम की घोषणा की है।
सरकार ने गरीब परिवारों के लिये एक लाख रुपये की नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लाने और उन्हें सस्ती दवायें सुलभ कराने के वास्ते 3000 जनौषधि केन्द्र खोलने का भी ऐलान किया।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की। श्री जेटली ने कहा कि इसके लिए राशि निजी सरकारी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के जरिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उपलब्ध कराई जाएगी जिससे कि सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस सेवाएं मुहैया कराई जा सके।
श्री जेटली ने कहा कि भारत में गुर्दे की बीमारी के अंतिम चरण पर पहुंच चुके 2.2 लाख नये रोगी प्रतिवर्ष बढ़ रहे हैं जिससे 3.4 करोड़ डायलिसिस सत्रों को अतिरिक्त मांग बढ़ गई है।
भारत में 4960 डायलिसिस केन्द्र हैं जो मुख्यत: निजी क्षेत्र में और प्रमुख नगरों में हैं। इस वजह से केवल आधी मांग की ही पूर्ति हो जाती है। प्रत्येक डायलिसिस सत्र के लिए 2000 रूपए का खर्च आता है जो प्रति वर्ष 3 लाख रूपये बैठता है। इसके अलावा अधिकतर परिवारों को डायलिसिस के लिए लंबी दूरी तय करके कई चक्कर लगाने पड़ते हैं जिनसे यात्राओं पर भारी खर्च होता है और रोजगार की हानि होती है।
उन्होंने कहा, “इसके समाधान के लिए मैं राष्ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव करता हूँ। सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस सेवाएं मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के तहत पीपीपी मॉडल में धन उपलब्ध कराया जाएगा।” उन्होंने कहा कि डायलिसिस उपकरणों पर सीमा शुल्क, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, सीवीडी एवं एसएडी से छूट दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने संसद में अपनी बजट घोषणा में वित्त मंत्री ने चिंता जताई कि परिवार के सदस्यों की गंभीर बीमारी गरीबों एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालती है और वे गरीबी रेखा के नीचे तक चले जाते हैं। ऐसे परिवारों की सहायता करने के लिए सरकार एक नई स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू करेगी जो प्रति परिवार एक लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान करेगी। इसी श्रेणी में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिये 30 हजार रुपये का अतिरिक्त बीमा दिया जाएगा जो 1.3 लाख रुपये का होगा।
श्री जेटली ने कहा कि किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवाओं का निर्माण करना एक बड़ी चुनौती रही है। उन्होंने कहा कि हम जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति में फिर से तेजी लाएंगे और 2016-17 के दौरान प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना के तहत 3000 स्टोर खोले जाएंगे।